Stem Cell Therapy: कैंसर जैसा घातक रोग हो या फिर दिल से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी, जिन्हें सुनकर ये मान लिया जाता था कि ये बीमारियां लाइलाज हैं. रीढ़ की हड्डी में घातक चोट लगना या फिर सिर पर गंभीर चोट होने की स्थिति में भी यही सोच हुआ करती थी, लेकिन अब इन बीमारियों का इलाज काफी हद तक संभव है. ऐसी लाइलाज बीमारियों में राहत देने के लिए स्टेम सेल थेरेपी का सहारा लिया जा सकता है. इस थेरेपी के लिए बोन मैरो से सेल लिए जाते हैं, फिर उन्हें वहां ट्रांसप्लांट किया जाता है जिस हिस्से में परेशानी हो. इस थेरेपी के बाद नए और हेल्दी सेल बनने लगते हैं, जिससे रोग में राहत मिलती है.
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क्या है स्टेम सेल डोनेशन? | What Is Stem Cell Donation?
अपने स्टेम सेल डोनेट करने के लिए आपको सबसे पहले बतौर डोनर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. कम से कम 18 और ज्यादा से ज्यादा 50 साल तक की उम्र के लोग स्टेम सेल डोनेट कर सकते हैं. हालांकि इससे पहले पूरी डॉक्टरी जांच भी होती हैं. एक स्वैब किट से आपके स्टेम सेल की जांच होती है. जरूरतमंद के सैंपल से मैच होने पर आप स्टेम सेल डोनेट कर सकते हैं. ये बिलकुल ब्लड डोनेट करने की तरह ही होता है. रोगी के स्टेम सेल हेल्दी होने की स्थिति में उसी से बोन मेरो लेकर दूसरी जगह प्रत्यारोपित किया जाता है. इससे रोगी का शरीर स्टेम सेल को बहुत आसानी से अपना लेता है, जिसका फायदा इलाज में मिलता है.
इन बीमारियों के इलाज में मिलेगी मदद:
स्टेम सेल से कई तरह की घातक बीमारियों के इलाज में मदद मिलती है. खासतौर से ब्लड कैंसर होने की स्थिति में इस थेरेपी का उपयोग किया जाता है. वयस्क स्टेम सेल से ब्लड कैंसर के अलावा दिल से जुड़ी बीमारियों में मदद मिलेगी. इसके अलावा ब्रेन स्ट्रोक, दिमाग में किसी अंदरूनी चोट के चलते खून बहना, रीढ़ की हड्डी में चोट लगना, शरीर के किसी हिस्से में स्ट्रोक का असर होना, ऑटिज्म, पार्किंसन, मोटर नर्व से जुड़ी कोई बीमारी, मसल्स या लीवर से जुड़ी समस्या, किडनी, ऑप्टिक न्यूरैटिस जैसे रोगों में भी स्टेम सेल थेरेपी से आराम मिलता है.
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