Pagophagia Treatment: गर्मी के दिनों में बर्फ ठंडक और ताजगी देने का एक बेहतरीन जरिया होता है, लेकिन अगर किसी को बार-बार बर्फ चबाने की इच्छा होती है, तो ये सामान्य नहीं है. बर्फ खाने की ये आदत एक बीमारी भी हो सकती है. इसे पैगोफैगिया कहा जाता है. ये उसी तरह के स्थिति जैसे किसी व्यक्ति को चॉक, मिट्टी, स्लेट बत्ती जैसी चीजें खाने का मन करता है. यह अक्सर पोषण की कमी के कारण होता है. ज्यादातर मामलों में पैगोफैगिया गंभीर नहीं होता, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया तो गंभीर हो सकता है. पैगोफैगिया आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का भी संकेत हो सकता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें आयरन की कमी से लाल रक्त कोशिकाओं में गिरावट आती है.
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पैगोफैगिया के लक्षण (Symptoms Of Pagophagia)
ज्यादा बर्फ खाने से दांत से जुड़ी परेशानी जैसे तेज झनझनाहट, कैविटी हो सकती हैं. जब आयरन की कमी के साथ पैगोफैगिया होता है, तो थकान, चक्कर, कमजोरी, सिर दर्द, पीली त्वचा, सांस लेने में कठिनाई, चिड़चिड़ापन, घबराहट, छाती में दर्द, जीभ में सूजन, निगलने में कठिनाई जैसे लक्षण हो सकते हैं. आयरन की कमी और एनीमिया वाले लोगों में पैगोफैगिया होने की संभावना ज्यादा रहती है. जिन लोगों के शरीर में आयरन की कमी है उनमें 16% लोगों को बर्फ की क्रेविंग होती है. ऐसी स्थिति में एनीमिया के कारण हुई जीभ की सूजन को दूर करने लिए लोग बर्फ खाते हैं.
पैगोफैगिया का इलाज (Treatment Of Pagophagia)
इस समस्या के इलाज की बात करें को कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी (सीबीटी) या टॉक थेरेपी के माध्यम से इसका इलाज किया जा सकता है. अन्य पोषक तत्वों की कमी का इलाज करने से भी पैगोफैगिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, कैल्शियम की खुराक कैल्शियम कार्बोनेट या कैल्शियम फॉस्फेट की कमी का इलाज कर सकती है. आहार में बदलाव भी इन कमियों को दूर करने में मदद कर सकता है. अधिक पत्तेदार हरी सब्जियां या रेड मीट खाने से आयरन का स्तर बढ़ सकता है. डेयरी उत्पाद और बीन्स कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.