Breadcrumbing: डेटिंग के लिए एक पार्टनर (Dating Partner) ढूंढना अब खासा आसान हो चुका है. आप चाहें तो ऑनलाइन भी डेटिंग पार्टनर ढूंढ सकते हैं और ऑफ लाइन का ऑप्शन तो हमेशा से ही खुला है. इंटरनेट की दुनिया ने अब ब्लाइंड डेट का क्रेज भी बढ़ा दिया है. डेटिंग किसी भी तरह की हो इसमें कई बार धोखा (Cheat) खाने की नौबत भी आ ही जाती है. अपनी शानदार प्रोफाइल दिखा कर, सोशल मीडिया पर शानदार बायो बनाकर लोगों को इंप्रेस करना आसान है. और, जहां जरा सा झुका दिखा वहां बस तारीफों के पुल बांधना काफी होता है और सामने वाला अट्रैक्ट हो जाता है.
किसी को इसी तरह रिझाना, मीठी-मीठी बातें करना और जब मन किया छोड़ कर चल देना आज के दौर में ब्रेडक्रंबिंग कहलाता है. जो मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. कहीं आप भी तो नहीं फंसे इस तरह के रिश्ते में? जानिए क्या है Breadcrumbing.
क्या है ब्रेडक्रंबिंग? (What Is Breadcrumbing)
ऐसा कहा जा सकता है कि ये रिलेशनशिप को एक्सप्लेन करने वाला एक नया टर्म है. जिसमें व्यक्ति मीठी मीठी बाते तो करता है, रोमांटिक भी होता है लेकिन सीरियस कमिटमेंट से बचता है. ब्रेडक्रंबिंग रिलेशनशिप निभा रहा व्यक्ति आमतौर पर पार्टनर की बातें टालता है और घुमा फिराकर जवाब देता है. जिससे बात खत्म भी नहीं होती लेकिन आगे भी नहीं बढ़ पाती. एक तरह से कहा जा सकता है कि वो रिलेशनशिप में रह कर भी दूरी बनाए रखते हैं.
कौन करता है ब्रेडक्रंबिंग?
ऐसा बिहेवियर आमतौर पर वो लोग शो करते हैं जो अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा कंफ्यूज रहते हैं. वो ये तय नहीं कर पाते कि वो एक कैजुअल रिलेशनशिप में हैं या सीरियस रिलेशनशिप में हैं. खुद उलझन में रहने की वजह से ऐसे लोग दूसरों को कंफ्यूज करते हैं. जिसकी वजह से मानसिक परेशानी हो सकती है.
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ब्रेडक्रंबिंग का दूसरों पर असर
ब्रेडक्रंबिंग करने वाले खुद को कंफ्यूज होते ही लेकिन उससे दूसरे लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं. ब्रेडक्रंबिंग करने वालों को डेट करने से हमेशा ये टेंशन बना रहता है कि वो पता नहीं कब कैसे बिहेव करेंगे. रिलेशनशिप मुकाम पर पहुंचेगी या नहीं. अगर कोई डेट फिक्स है या कोई मुलाकात शेड्यूल है तो उस पर वो आएंगे या नहीं. आएंगे तो उनका बर्ताव कैसा होगा. ये सारे सवाल रिलेशनशिप पर बोझ बन जाते हैं और सामान्य पार्टनर दिन पर दिन परेशान होता चला जाता है.
ब्रेडक्रंबिंग से कैसे बचें? (How to Respond to Breadcrumbing)
- इमोशन्स पर भारी पड़ रही इस रिलेशनशिप से बचने या फिर इसके मानसिक तनाव से बचने के लिए जरूरी है कि आप टालने वाले रवैये के खिलाफ जाकर स्ट्रेट फॉर्वर्ड बात करें.
- आपका पार्टनर आपको लेकर कितना सीरियस और स्टैंड ले पा रहा है या नहीं ये चेक करें.
- अगर वो स्टैंड ले पाने में सक्षम नहीं है या कमिट करने कतरा रहा है तो बेहतर है इस रिलेशनशिप को खत्म कर आगे बढ़ें. इसी तरह ब्रेडक्रंबिंग से बचा जा सकता है.
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