Type 2 diabetes: किसे होता है टाइप-2 डायबिटीज का ज्‍यादा खतरा, जानें शुरुआती लक्षण और बचाव के उपाय

टाइप 2 डायबिटीज एक अनुवांशिक बीमारी भी है यानी अगर आपकी डायरेक्ट फैमिली में कोई इससे ग्रस्त रहा है तो इस बात की संभावना है कि यह बीमारी आपको भी हो सकती है.

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आजकल टाइप 2 डायबिटीज के मामले बच्चों और टीन्स में भी देखे जा रहे हैं.
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  • टाइप 2 डायबिटीज एक लाइफ लॉन्ग डिजीज है.
  • इसका सबसे ज्यादा खतरा मिडिल एज और ज्यादा उम्र के लोगों को होता है.
  • टाइप 2 डायबिटीज से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव बहुत जरूरी है.
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टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) एक लाइफ लॉन्ग डिजीज है जिसमें बॉडी उस तरह इन्सुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाती जैसे करना चाहिए. यह एक घातक बीमारी है जिसका एक बड़ा कारण गलत लाइफस्टाइल भी है. गलत लाइफस्टाइल के चलते बड़ी संख्या में दुनिया भर में लोग इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं. इसके अलावा यह एक अनुवांशिक बीमारी भी है यानी अगर आपकी डायरेक्ट फैमिली में कोई इससे ग्रस्त रहा है तो इस बात की संभावना है कि यह बीमारी आपको भी हो सकती है.

किन लोगों को होता है खतरा

इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा मिडिल एज और ज्यादा उम्र के लोगों को होता है. हालांकि आजकल टाइप 2 डायबिटीज के मामले बच्चों और टीन्स में भी देखे जा रहे हैं जिसका कारण चाइल्डहुड ओबेसिटी यानी बचपन में मोटापे की शिकायत है. इसके अलावा लेजी लाइफस्टाइल और जेनेटिक कारण से भी यह रोग हो सकता है. 
 

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टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण 

टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को शुरू में प्यास बहुत लगती है. इसके अलावा उन्हें बार-बार पेशाब जाने की जरूरत पड़ती है. हाथ या पैर सुन्न होने की शिकायत भी होती है. टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में लगातार थकान बनी रहती है और अगर उन्हें घाव हो जाता है तो आसानी से नहीं भरता है. इसके अलावा बिना ट्राई किए वेट लॉस भी इन मरीजों में देखने को मिलता है.

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ऐसे करें बचाव 

टाइप 2 डायबिटीज से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव बहुत जरूरी है और इसके लिए जरूरी है कि आप ओवरवेट न हों. अगर आप 5 फीसदी बॉडी वेट कम कर लेते हैं तो इसे गुड की श्रेणी में रखा जाता है और 7 पर्सेंट तक बॉडी वेट लूज करना आइडियल कंडीशन मानी जाती है. इसके अलावा डाइट पर भी खास ध्यान देना जरूरी है और यह बेहद जरूरी है कि आप हेल्दी डाइट ही लें और जंक फूड से दूरी बना कर रखें. इसके लिए जरूरी है कि आपका कैलोरी इनटेक कम रहे. हरी सब्जियां और फल अपनी डाइट में शामिल करें और इसके साथ ही रोजाना 30 से 60 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी भी बेहद जरूरी है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.        

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