डाइट में क्या शामिल करें और क्या नहीं, थायराइड रोगियों के लिए खानपान से जुड़ी पूरी जानकारी

Thyroid Diet: हमारी थाइरयड ग्रंथि, हार्मोन लेवल, वजन में बदलाव, मूड डिसऑर्डर को कंट्रोल करने और स्किन हेल्थ में बड़ी भूमिका निभाते हैं. यहां थायराइड रोगियों के लिए डाइट के बारे में बताया गया है.

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Thyroid Diet: यहां थायराइड रोगियों के लिए डाइट के बारे में बताया गया है.

Thyroid: जब हमारी थायराइड ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर पाती है, तो हार्मोन के असंतुलन का खतरा बढ़ जाता है. अगर समय पर थायराइड के लक्षण न पहचानें जाए तो हम खुद को थायराइड डिसऑर्डर के जोखिम में डाल लेते हैं. थायराइड विकार यानि हाइपोथायरायडिज्म में शरीर पर्याप्त थायराइड हार्मोन बनाने में विफल रहता है. ये एक सामान्य लेकिन काफी गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो रोजमर्रा के कामकाज और मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकती है. हमारी थाइरयड ग्रंथि, हार्मोन लेवल, वजन में बदलाव, मूड डिसऑर्डर को कंट्रोल करने और स्किन हेल्थ में बड़ी भूमिका निभाते हैं. यहां थायराइड रोगियों के लिए डाइट के बारे में बताया गया है.

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डाइट हाइपोथायरायडिज्म को मैनेज करने में कैसे मददगार है?

जबकि थायराइड की समस्या को ठीक करने के लिए कोई जादू का इलाज या एक डाइट नहीं है. सही प्रकार के फूड्स वास्तव में कम एक्टिव थायराइड के लक्षणों की तीव्रता को कम करने में मदद कर सकते हैं. हाइपोथायरायडिज्म के साथ वजन बढ़ने को मैनेज कर सकते हैं, किसी के मेटाबॉलिज्म में सुधार कर सकते हैं, लो एनर्जी का मुकाबला कर सकते हैं.

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हाइपोथायरायडिज्म में किन मिनरल और पोषक तत्वों की जरूरत है?

डाइट थायरइड ग्रंथि को अच्छे आकार में रखने और मैनेज करने में बड़ी भूमिका निभाती हैं. आयोडीन को एक खनिज माना जाता है जो थायरॉइड फंक्शन से जुड़ा हुआ है. आयोडीन में कमी या बहुत अधिक आयोडीन होने से थायराइड की कार्यप्रणाली बाधित हो सकती है, और समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

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आयोडीन के अलावा, सेलेनियम, जिंक, टायरोसिन, विटामिन डी सहित पोषक तत्वों पर ध्यान देना चाहिए. खनिज और पोषक तत्व हाइपोथायरायडिज्म से जुड़े कई लक्षणों को मैनेज और कम करने में मदद कर सकते हैं.

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हाइपोथायरायडिज्म के साथ आपको कौन से फूड्स लेने चाहिए?

कई लोगों के सोचने के बावजूद बहुत सारे पौष्टिक फूड्स हैं जो हेल्दी थायरॉइड फंक्शन को बनाए रखने में मदद करते हैं. अगर आपको हाइपोथायरायडिज्म है, तो प्लांट बेस्ड फूड्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, सी फूड, नट और बीज और फलियां शामिल करना बहुत मददगार होता है. उदाहरण के लिए नट और बीज और कुछ फलियां जिंक, बी-विटामिन, अमीनो एसिड जैसे टाइरोसिन और प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं.

अपनी डाइट में ढेर सारी सब्जियां और फाइबर से भरपूर फल लेना भी मददगार होता है. कुछ फूड्स जैसे कि शकरकंद, कद्दू, सेब, पालक न केवल पोषक तत्वों से भरे होते हैं, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने, वजन बढ़ाने को मैनेज करने और मेटाबॉलिज्म लेवल को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकते हैं.

किन फूड्स से बचना चाहिए?

आमतौर पर हाइपोथायरायडिज्म के साथ अपनी डाइट में जंक, प्रोसेस्ड, फैटी फूड्स को कम करने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा सोया, टोफू, सोया दूध, सॉस जैसे फूड्स को कम किया जाना चाहिए. ब्रूसल स्प्राउट्स, फूलगोभी, आड़ू, आलूबुखारा का सेवन भी कम मात्रा में किया जाना चाहिए.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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