क्‍यों पुरुषों को नहीं चढ़ाना चाहिए महिलाओं का खून, Blood Transfusion के समय ध्‍यान रखने वाली बातें...

किसी पुरुष को किसी ऐसी महिला का खून दिया जाता है जिसकी प्रेग्नेंसी हिस्ट्री है तो उसका रिएक्शन रेट बिना किसी प्रेग्नेंसी वाली महिला के खून से ज्यादा होगा. ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद ऐसे रिएक्शन alloanitibodies और लंग इंजरी का कारण भी हो सकते हैं.

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WHO (World Health Organization) की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल तकरीबन 118.5 मिलियन लोग, दुनियाभर में खून देने जुटते हैं. साल 2020 की  बात करें, तो इसमें 32 प्रतिशत डोनर महिलाएं थीं. ब्लड ट्रांसफ्यूजन से पहले दान किए खून की जांच (Health Screening and Blood Tests) होती है. ये जानने के लिए कि उनमें किसी तरह का इंफेक्शन तो नहीं है. अक्‍सर खून दान देने और खून चढ़ाने की इस प्रक्रिया में लोग जेंडर पर ध्‍यान नहीं देते या लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है. जबकि‍ खून चढ़ाते हुए इस बात का ध्‍यान रखना भी जरूरी है कि वह खून किस जेंडर का है. खासकर पुरुषों को. अगर इसे ध्‍यान में न रखा जाए या इग्नोर कर दिया जाता है, तो इसकी वजह से कुछ कॉम्पिलेकेशन हो सकते हैं. चल‍िए आज जानते हैं इस बारे में और भी बहुत कुछ- 

कई तरह के डैमेज कर सकता है सेक्स डिसऑर्डर के बाद किया गया ब्लड ट्रांसफ्यूजन (blood transfusion reactions due to sex discordance)

सेक्स डिसऑर्डर के बाद किया गयाब्लड ट्रांसफ्यूजन कई तरह के डैमेज कर सकता है. इसलिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन से पहले इस  तरह के रिएक्शन की वजह से होने वाली बायलोजिकल प्रोसेस को समझना ज्यादा जरूरी है. लगातार अध्ययन औऱ प्रैक्टिस से इस तरह के कॉम्पलिकेशन से बचा जा सकेगा.

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पुरुषों को क्‍यों नहीं चढ़ना चाहिए महिला डोनर का ब्‍लड (Can a man receive a blood transfusion from a woman?)

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिस‍िन की एक रिपोर्ट के मुताबिक किसी पुरुष को किसी ऐसी महिला का खून दिया जाता है जिसकी प्रेग्नेंसी हिस्ट्री है तो उसका रिएक्शन रेट बिना किसी प्रेग्नेंसी वाली महिला के खून से ज्यादा होगा. ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद ऐसे रिएक्शन alloanitibodies और लंग इंज्युरी का कारण भी हो सकते हैं.

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पुरुषों में बढ़ जाता है हेमोलिसिस का खतरा (Hemolysis risk after blood cells transfusion)

इस रिपोर्ट में बताया गया कि मेल रिसिपियंट (male recipients) के रेड ब्लड सेल्स में ट्रांसफ्यूजन के बाद हेमोलिसिस (Hemolysis) होने का खतरा बढ़ सकता है, जिसकी वजह से फ्री प्लाज्मा हिमोग्लोबिन का लेवल बढ़ सकता है. इसके चलते Haptoglobin depletion भी  हो सकता है. Hb को Hi (methemoglobin) में बदलकर नाइट्रिक एसिड एक अलग रिएक्शन को अंजाम दे सकता है. ज्यादा नाइट्रिक एसिड होने पर वस्कूलर डिस्फंक्सन, प्लेटिलेट्स का बढ़ना, वस्कूलर डैमेज भी हो सकता है. 

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बन सकता है आरबीसी थ्रंबोसिस और टिश्यू डैमेज का कारण (causes thrombosis and tissue damage)

कॉग्यूलेशन फैक्टर को एक्टिवेट रखने के लिए आरबीसी Phosphatidylserine का लेवल मेंटेन रखते हैं. ये तत्व आरबीसी का लाइफ स्पेन बढ़ाने के साथ ही थ्रोम्‍बिन (Thrombin) और फाइब्र‍िनोजेन (Fibrinogen) की बाइंडिंक के लिए पर्याप्त सरफेस मुहैया कराता है. ये बाइडिंग दोनों के बीच के निगेटिव चार्ज की वजह से होती है. आरबीसी पर मौजूद एडहेसिव मॉलीक्यूल जल्दी एक्टिवेट नहीं होते, जिसकी वजन से पुरुष में मौजूद पुराने आरबीसी थ्रंबोसिस और टिश्यू डैमेज का कारण बन जाते हैं. महिला के मुकाबले पुरुष में पुराने आरबीसी ज्यादा होते हैं जो ज्यादा एस्ट्रासेल्यूलर वेसिकल्स बना सकते हैं. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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