Tea Cause Cancer: इंडिया में चाय को सिर्फ एक ड्रिंक नहीं बल्कि आप इमोशन के साथ भी जोड़कर देख सकते हैं. सुबह हो, शाम हो या फिर बारिश में पकौड़ों के साथ या फिर दोस्तों के साथ हो बात चाय पर होने वाली गपशप अलग ही मजा देती है. वहीं कई लोगों को चाय का नशा होता है उनको दिन में किसी भी समय चाय मिल जाए तो वो इसे ना नहीं कह सकते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी चाय का ये नशा आपको नुकसान पहुंचा कर आपको एक भयंकर बीमारी का शिकार बना सकता है. ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) की गाइडलाइन्स के मुताबिक, ICMR और NIN (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन) ने मिलकर कुछ समय पहले अपनी डाइट्री गाइडलाइन्स जारी की थी, जिसमें चाय और कॉफी को लेकर भी बात की गई थी. उनकी इस रिपोर्ट में कुछ हैरान कर देने वाली बातें सामने आई हैं.
दूध वाली चाय से कैंसर होता है?
बता दें कि दूध वाली चाय के सेवन को लेकर के ICMR का कुछ अलग ही कहना है. ICMR की जारी की गई गाइडलाइन्स के मुताबिक दूध वाली चाय का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसके अलावा आप बिना दूध वाली चाय का सेवन कर सकते हैं. बिना दूध वाली चाय का सेवन सेहत को फायदा पहुंचा सकता है. यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद करता है. इसके अलावा इस तरह की चाय का सेवन करने से कोरोनरी आर्टरी डिजीज और पेट के कैंसर का खतरा भी कम हो सकता है.
चाय और कॉफी पर ICMR ने क्या कहा?
जैसा की हम सभी जानते हैं कि किसी भी चीज का हद से ज्यादा सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसा ही चाय और कॉफी के साथ भी है. दरअसल चाय और कॉफी में टैनिन पाया जाता है जो शरीर में ऑयरन एब्जॉर्ब करने की क्षमता पर असर डाल सकता है. जिस वजह से शरीर में आयरन की कमी हो जाती है और एनीमिया का शिकार हो सकते हैं. इसके अलावा चाय और कॉफी का ज्यादा सेवन ब्लड प्रेशर की वजह भी बन सकता है और दिल की बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है. हद से ज्यादा चाय और काफी पीने से पेट की सूजन, कब्ज की समस्या, डिहाइड्रेशन, अनिद्रा, डाइजेशन, सिरदर्द और स्ट्रेस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.
चाय-कॉफी कितनी पीनी चाहिए?
ICMR की गाइडलाइन्स के मुताबिक एक व्यक्ति को 300mg कैफीन का सेवन ही करना चाहिए. चाय और कॉफी का हद से ज्यादा सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)