Winter Care for Elders: सर्दियों का मौसम आ गया है और इस बदलते मौसम में अक्सर लोगों को सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी समस्याएं हो जाती है. इसलिए सर्दी में खुद को बचाकर रखने की सलाह दी जाती है. खासतौर से बच्चों और बुजुर्गों का तो इस मौसम में खास ख्याल रखना चाहिए. बात करें बुजुर्गों की तो वो अक्सर कमजोर इम्यूनिटी से पीड़ित होते हैं, जिससे उन्हें बीमारी की चपेट में आने का खतरा ज्यादा होता है. कम बॉडी टेंपरेचर होने पर ब्लड वेसल्स संकुचित हो जाती हैं, जिससे पूरे शरीर तक ऑक्सीजन पहुंचना मुश्किल हो जाता है. बुजुर्गों में यह स्थिति गंभीर हो जाती है, तो इससे दिल का दौरा, लीवर को हानि और स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है. इसके अलावा, सांस से जुड़ी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं.
बाहर के ठंडे मौसम के कारण, बुजुर्ग ज्यादातर सर्दियों में घर के अंदर रहते हैं. फिजिकल एक्टिविटी कम होने के कारण शरीर और जोड़ों में दर्द पैदा होने लगता है. खासतौर से गठिया जैसी समस्याओं वाले लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
सर्दियों से बुजुर्गों की देखभाल के लिए अपनाएं टिप्स
1. शरीर को गर्म रखें
शरीर के तापमान को नियंत्रण में रखने के लिए घर के अंदर रहें. हाइपोथर्मिया से बचने के लिए गर्म पानी पिएं और गर्म कपड़े पहनें.
2. एक्टिव रहें
घर के अंदर रहना जरूरी है लेकिन इसके साथ ही अपनी फिजिकल एक्टिविटी पर भी ध्यान रखें. घर के अंदर शारीरिक गतिविधि करने से आपको पसीना आएगा, जो विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और त्वचा को स्वस्थ रखता है. शारीरिक गतिविधि से रक्त परिसंचरण और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है.
3. हाइड्रेटेड
आमतौर पर सर्दियों में पानी का सेवन कम होता है और हवा में नमी की कमी होती है, तो यह असंतुलन शरीर को निर्जलित कर सकता है. हमेशा निर्जलीकरण से बचने के लिए पूरे दिन में बहुत सारे तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है.
4. स्किन केयर
ठंडा और शुष्क मौसम पसीने की ग्रंथियों को संकुचित करता है जो आपकी त्वचा को शुष्क बना सकते हैं. नियमित रूप से त्वचा को मॉइस्चराइज करें. पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन भी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने में मदद करेगा.
5. खानपान
उनकी डाइट में बहुत सारे विटामिन विशेष रूप से विटामिन डी (दूध), विटामिन बी 12, विटामिन सी (खट्टे फल) और मैग्नीशियम, कैल्शियम युक्त भोजन, ओमेगा 3 फैटी एसिड (अखरोट, चिया बीज) लेने की सलाह दी जाती है. विटामिन डी, कैल्शियम, और ओमेगा 3 फैटी एसिड की खुराक से जोड़ों और पैर के दर्द को कम करने में मदद मिलेगी. तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, कच्ची हल्दी, काली मिर्च और पुदीना जैसी जड़ी-बूटियां महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में काम करती हैं. हरी पत्तेदार सब्जियों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और यह शरीर में रक्त परिसंचरण में भी मदद करते हैं. वे मुक्त कणों से लड़ने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद साबित हुए हैं. मांसाहारी आहार में चिकन और अंडे भी शामिल हो सकते हैं. डेसर्ट के लिए, परिष्कृत चीनी को गुड़, शहद और स्टीविया से बदलने की सलाह दी जाती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)