याददाश्त, नींद, तनाव और पाचन सुधारने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी, सुगंध बाला के अनेक फायदे और सेवन का सही तरीका

Sugandha Bala Ke Fayde: अगर आप भी कमजोर याददाश्त, नींद न आने और अपच से परेशान हैं, तो ये आयुर्वेदिक जड़ी बूटी सुगंध बाला आपके लिए कमाल कर सकती है. आइए जानते हैं इसके शानदार फायदे.

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Sugandha Bala Benefits: आयुर्वेद में सुगंध बाला को मन और शरीर को शांत करने वाली औषधि माना गया है.

Sugandha Bala Benefits: आजकल नींद न आना, मानसिक तनाव, बेचैनी और पाचन की समस्या बहुत आम हो गई है. देर रात तक मोबाइल देखना, काम का दबाव, अनियमित खानपान और चिंता ये सभी कारण शरीर और दिमाग दोनों को थका देते हैं. जब ऐसी परेशानियां लंबे समय तक बनी रहती हैं, तो व्यक्ति दवाओं का सहारा लेने लगता है. लेकिन, आयुर्वेद में ऐसी कई प्राकृतिक जड़ी-बूटियां हैं, जो बिना साइड इफेक्ट के शरीर को संतुलन में लाने का काम करती हैं. इन्हीं में से एक बेहद असरदार जड़ी-बूटी है सुगंध बाला, जिसे तगर के नाम से भी जाना जाता है.

मन और शरीर को शांत करने वाली औषधि है सुगंध बाला

आयुर्वेद में सुगंध बाला को मन और शरीर को शांत करने वाली औषधि माना गया है. इसका इस्तेमाल सदियों से नींद लाने, तनाव कम करने, पाचन सुधारने और दर्द से राहत के लिए किया जाता रहा है. इसकी खुशबू ही इतनी प्रभावशाली होती है कि यह दिमाग को आराम का संकेत देने लगती है. यही वजह है कि इसे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद माना जाता है.

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नींद और तनाव के लिए क्यों खास है सुगंध बाला?

सुगंध बाला एक प्राकृतिक शामक (Natural Sedative) की तरह काम करती है. इसका सेवन करने से दिमाग की एक्टिविटीज शांत होती हैं और चिंता कम होने लगती है.

जिन लोगों को अनिद्रा, बार-बार नींद खुलना या बेचैनी की शिकायत रहती है, उनके लिए यह बहुत लाभकारी है.
यह नींद को जबरदस्ती नहीं लाती, बल्कि दिमाग को रिलैक्स करके स्वाभाविक और गहरी नींद में मदद करती है.
तनाव, घबराहट और मानसिक थकान में भी इसका असर देखा जाता है.

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पाचन तंत्र को कैसे फायदा पहुंचाती है?

  • अगर आपको गैस, अपच, पेट फूलना या भूख न लगना जैसी समस्याएं रहती हैं, तो सुगंध बाला पाचन को संतुलित करने में मदद करती है.
  • यह पेट की मांसपेशियों को शांत करती है.
  • पाचन रसों के स्राव को बेहतर बनाती है.
  • भूख को प्राकृतिक रूप से बढ़ाती है.

इसी कारण आयुर्वेद में इसे कमजोर पाचन वाले लोगों के लिए उपयोगी माना गया है.

दर्द, सूजन और जोड़ों के लिए लाभ

सुगंध बाला में दर्द और सूजन कम करने वाले गुण भी पाए जाते हैं. गठिया, जोड़ों के दर्द या मसल्स क्रैम्प्स में इसका तेल काफी राहत देता है. इसे नारियल तेल या अदरक के रस के साथ मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाने से फायदा मिलता है.

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महिलाओं और त्वचा के लिए फायदे

महिलाओं में मासिक धर्म के दर्द और क्रैम्प्स को कम करने में भी सुगंध बाला मददगार मानी जाती है. इसके अलावा, त्वचा पर खुजली, घाव या हर्पीस जैसी समस्याओं में सुगंध बाला का तेल या पाउडर लगाने से आराम मिल सकता है.

दिमाग, ध्यान और स्मरण शक्ति

आयुर्वेद के अनुसार, सुगंध बाला तंत्रिका तंत्र को मजबूत करती है. इससे स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है. ध्यान और पूजा-पाठ के समय इसका उपयोग मन को स्थिर करने में मदद करता है.

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सुगंध बाला का सेवन कैसे करें?

सुगंध बाला (Valerian) एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग तनाव, चिंता, और नींद की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है. यहां कुछ तरीके हैं जिनसे आप सुगंध बाला का सेवन कर सकते हैं:

1. चाय: सुगंध बाला की जड़ को उबालकर चाय बनाएं. 1-2 ग्राम जड़ को 1 कप पानी में उबालें और शहद या चीनी के साथ पीएं.
2. कैप्सूल: सुगंध बाला के कैप्सूल बाजार में उपलब्ध हैं. डॉक्टर की सलाह से 1-2 कैप्सूल प्रतिदिन लें.
3. टिंचर: सुगंध बाला का टिंचर भी उपलब्ध है। 1-2 बूंदें पानी में मिलाकर पीएं.
4. सुगंध बाला पाउडर: सुगंध बाला पाउडर को शहद या दूध के साथ मिलाकर लें.

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उपयोग में सावधानी जरूरी:

  • हालांकि सुगंध बाला प्राकृतिक है, फिर भी इसका बहुत ज्यादा सेवन नुकसानदेह हो सकता है.
  • ज्यादा मात्रा लेने से जरूरत से ज्यादा नींद आ सकती है.
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह से करें.
  • नींद की दवाओं के साथ इसका सेवन न करें.

सुगंध बाला एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो नींद, तनाव, पाचन और दर्द चारों पर एक साथ काम करती है. अगर आप लंबे समय से मानसिक थकान या अनिद्रा से जूझ रहे हैं, तो यह जड़ी-बूटी आपके लिए एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प बन सकती है. हालांकि, किसी भी औषधि की तरह इसका इस्तेमाल संतुलन और सही सलाह के साथ करना ही सबसे बेहतर है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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