रजाई इस्तेमाल करें या कंबल? क्या फैंसी कंबल से कैंसर और अस्थमा होता है? Video में किया गया दावा कितना सही, जानिए

Quilt vs Blanket Which is Better: रील में बताया गया है कि कंबल में इस्तेमाल कुछ रसायन कैंसर, अस्थमा, किडनी, लिवर, ब्रेस्ट कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं. आइए जानते हैं इस दावे में कितनी सच्चाई है.

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Quilt vs Blanket Which is Better: माइक्रोफाइबर या पॉलिस्टर वाले कंबल का खूब इस्तेमाल हो रहा है.

Quilt vs Blanket Which is Better: आजकल एक रील खूब वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि नए दौर के माइक्रोफाइबर या पॉलिस्टर वाले कंबल में कुछ रसायन, खासकर परफ्लोरोएल्काइल सल्फोनेट्स (PFAS) और एंटीमनी, डाले जाते हैं. रील में बताया गया है कि ये रसायन इस्तेमाल करने पर कैंसर, अस्थमा, किडनी, लिवर, ब्रेस्ट कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं. साथ ही कहा गया कि पुराने रुई वाले कंबल सुरक्षित थे, पर अब के माइक्रोफाइबर खतरनाक हैं. आइए जानते हैं कि इन दावों में कितना सच है और कितना मिथ्स.

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PFAS क्या हैं?

PFAS एक बड़े समूह के मानव निर्मित रसायन हैं जिन्हें "forever chemicals" कहा जाता है क्योंकि ये पर्यावरण में बहुत धीरे टूटते हैं और लंबे समय तक बने रहते हैं. उनका इस्तेमाल वाटर रिजिस्टेंट, ऑयल रेजिस्टेंट और दाग-प्रूफ गुणों के लिए होता है, जैसे नॉन-स्टिक कुकवेयर, वाटरप्रूफ कपड़े, पैकेजिंग और कुछ इंडस्ट्रियल मटेरियल में.

क्या PFAS कंबल में डाले जाते हैं?

कुछ टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स में PFAS का इस्तेमाल वाटर रेजिस्टेंट या स्टेन-प्रूफ कोटिंग के लिए हो सकता है. हालांकि, यह पक्का नहीं है कि सभी माइक्रोफाइबर कंबलों में PFAS डाले जाते हैं, यह निर्माण प्रक्रिया और प्रोडक्ट के ब्रांड/टाइप पर निर्भर करता है. कई प्रोडक्ट्स PFAS-free भी होते हैं.

क्या PFAS स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं?

PFAS के संपर्क और शरीर में जमा होने पर कुछ संभावित स्वास्थ्य प्रभाव वैज्ञानिक अध्ययनों में रिपोर्ट हुए हैं:

कैंसर जोखिम: कुछ PFAS, जैसे PFOA को कैन्सर से जोड़ा गया है और अध्ययन में किडनी कैंसर से जुड़ा पाया गया है. लेकिन, इसका अर्थ यह नहीं कि हर छोटे से छोटे संपर्क से कैंसर होगा, जोखिम आमतौर पर लंबे समय और हाई रिस्क के संपर्क पर देखा गया है.   
किडनी और लिवर पर असर: स्वास्थ्य शोध बताते हैं कि PFAS किडनी और लिवर के कार्यों को प्रभावित कर सकते हैं.   
अन्य प्रभाव: कुछ अध्ययनों में PFAS को इम्यून सिस्टम, थायरॉयड, गर्भवस्था के परिणाम और इम्यून सिस्टम में बदलाव से जोड़ा गया है.

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लेकिन, यह ध्यान रखना जरूरी है कि ज्यादातर शोध लंबे समय के पर्यावरणीय संपर्क या भोजन/पानी से PFAS के संपर्क पर बेस्ड हैं. सीधे कंबल से सांस लेने के मामले पर बहुत कम वैज्ञानिक अध्ययन हैं.

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क्या माइक्रोफाइबर से सांस में PFAS या फाइबर जाते हैं?

माइक्रोफाइबर छोटे तंतु होते हैं जो कपड़ों और कंबलों से कुछ परिस्थितियों में निकल सकते हैं. खासकर घिसने या धोने पर. पर यह साबित नहीं हुआ है कि सोते समय फाइबर इतनी मात्रा में हवा में उड़ते हैं कि वे सीधे ब्लड फ्लो या अंगों में प्रवेश कर गंभीर बीमारी करें. वैज्ञानिक प्रमाण अभी भी सीमित हैं.

पुराने रुई वाले कंबल बिल्कुल सुरक्षित थे?

रुई प्राकृतिक होता है और इससे अलग-थलग रसायन नहीं निकलते. इसलिए आमतौर पर यह सुरक्षित माना जाता है. लेकिन, कोई भी प्रोडक्ट, चाहे प्राकृतिक हो या सिंथेटिक, धूल, बैक्टीरिया और एलर्जी का स्रोत बन सकता है अगर उसकी सफाई न हो.

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PFAS जैसे रसायन वास्तव में कुछ प्रोडक्ट में उपयोग होते हैं और हेल्थ रिस्क से जुड़े अध्ययन हैं.
पर वायरल रील का दावा कि हर माइक्रोफाइबर कंबल कैंसर और गंभीर बीमारियों का सीधा कारण बनता है, वैज्ञानिक प्रमाण पर्याप्त नहीं है.
फाइबर के सीधे सांस के जरिए अंदर जाने और तुरंत गंभीर रोग होने का दावा वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं है.

अगर आपको कोई प्रोडक्ट्स PFAS-free मार्क किया मिला है तो वह एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है. साथ ही कमरे की सफाई, एयर फिल्टर और सही इस्तेमाल से जोखिम कम किया जा सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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