प्रेगनेंसी में आपका भी फूलता है पेट तो, जानिए कैसे करें इस समस्या का समाधान

Pregnancy: प्रेगनेंसी के समय में कई महिलाओं को कई तरह की समस्या होती है, जिसमें गैस और अपच से जुड़ी परेशानियां होती हैं. आइए जानते हैं इस तरह की समस्या से निपटने के लिए आपको क्या करना चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
प्रेगनेंसी में कैसे रखें अपना ख्याल.

Pregnancy: गर्भावस्था हर महिला के जीवन का एक बेहद खास और संवेदनशील समय होता है. इस दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जो न सिर्फ भावनात्मक रूप से बल्कि शारीरिक रूप से भी महिला को प्रभावित करते हैं. गर्भधारण के समय हार्मोनल स्तर में भारी उतार-चढ़ाव आता है, जिसके चलते कुछ असहज स्थितियां भी पैदा होती हैं, जो सामान्य होते हुए भी बेहद परेशान करने वाली होती हैं. इन्हीं में से एक है पेट फूलना, गैस बनना, अपच और लगातार बेचैनी महसूस होना. आधुनिक विज्ञान और आयुर्वेद, दोनों की नजरों से अगर देखा जाए, तो गर्भवती महिलाओं में पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं बेहद आम हैं. वैज्ञानिक नजरिए से इसका सबसे बड़ा कारण होता है हार्मोन प्रोजेस्टेरोन का बढ़ जाना. गर्भावस्था के दौरान यह हार्मोन शरीर में बहुत अधिक मात्रा में बनता है, जो मांसपेशियों को ढीला कर देता है, जिसमें पाचन तंत्र की मांसपेशियां भी शामिल होती हैं. जब पाचन धीमा हो जाता है, तो खाना लंबे समय तक पेट में बना रहता है, जिससे गैस बनने लगती है और पेट भारी महसूस होता है.

आयुर्वेद के अनुसार, गर्भावस्था के समय वात दोष का असंतुलन होना इन समस्याओं की मुख्य वजह है. वात दोष अगर बढ़ जाता है, तो यह शरीर में गैस और सूखापन लाता है, जिससे कब्ज, पेट फूलना और जलन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं. खासकर अगर भोजन में गड़बड़ी हो जाए या महिला बहुत देर तक बिना खाए रहे, तो यह दोष और अधिक बढ़ सकता है.

गर्भवती महिला का बढ़ता हुआ गर्भाशय भी आंतों पर दबाव डालता है, जिससे गैस का निकलना मुश्किल हो जाता है और वह पेट में ही जमा हो जाती है. कभी-कभी यह दबाव इतना अधिक हो जाता है कि सांस लेने में भी थोड़ी तकलीफ महसूस होती है. इसके अलावा, गर्भावस्था में महिलाओं की शारीरिक गतिविधि कम हो जाती है, जिससे पाचन क्रिया और कमजोर हो जाती है.

ये भी पढ़ें: दर्द और सूजन को जड़ से मिटाने में कारगर है ये फूल, जानिए कैसे करना है सेवन

आहार में अचानक बदलाव भी इस समस्या को बढ़ावा देते हैं. कई बार महिलाएं गर्भवती होने के बाद हेल्दी डाइट पर शिफ्ट होती हैं, जिसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जैसे साबुत अनाज, फल और सब्जियां. हालांकि ये चीजें फायदेमंद होती हैं, लेकिन अचानक और अधिक मात्रा में लेने से पेट में गैस बनने लगती है, खासकर तब जब पर्याप्त मात्रा में पानी न पिया जा रहा हो.

विज्ञान के अनुसार, भोजन करते समय हवा निगलना भी एक सामान्य कारण है. जब हम जल्दी-जल्दी खाते हैं या खाते समय बात करते हैं, तो अनजाने में मुंह के जरिए हवा पेट में चली जाती है, जो गैस और पेट फूलने का कारण बनती है. यही कारण है कि डॉक्टर अक्सर धीरे-धीरे खाने की सलाह देते हैं और यह सलाह आयुर्वेद भी देता है.

Advertisement

अब अगर इलाज की बात करें तो दोनों ही दृष्टिकोण, आयुर्वेद और एलोपैथी, गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित और प्राकृतिक उपायों को प्राथमिकता देते हैं. आयुर्वेद में सौंफ, अजवाइन और हींग को पाचन के लिए रामबाण माना गया है. हल्के गुनगुने पानी के साथ इनका सेवन करने से गैस कम होती है और पेट साफ रहता है. वहीं विज्ञान कहता है कि एक ही बार में ज्यादा खाना खाने से बचना चाहिए. दिन में कई बार हल्का और सुपाच्य भोजन करने से पाचन पर जोर नहीं पड़ता और गैस बनने की संभावना भी घटती है.

Gurudev Sri Sri Ravi Shankar on NDTV: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Spirituality तक हर बात

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Dhanteras 2025: 160 साल पुराना खजाना खुलेगा! Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon | Mathura