COVID-19 (coronavirus), Long-term effects: कोविड-19 के बाद पूर्ण स्वास्थ्य लाभ पाने के मार्ग में ठीक हो चुके कई मरीजों को दीर्घकालिक लक्षणों एवं सेहत की समस्याओं की शिकायत हो रही है, जो फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों तक पहुंच रही हैं. सांस की समस्याएं, जैसे खांसी आना एवं सांस फूलना कोविड-19 के मरीजों में आम लक्षण हैं, लेकिन मस्तिष्क, आंत और दिल में भी कई समस्याएं देखने को मिल रही हैं. ठीक हो चुके मरीज अक्सर शिकायत करते हैं कि उन्हें स्वास्थ्य अच्छा महसूस नहीं हो रहा और कई लोगों के लिए स्वास्थ्य लाभ का रास्ता बहुत लंबा है. कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों के लिए फौलो-अप केयर एवं सेहत के एक समावेशी दृष्टिकोण की जरूरत है. इस बारे में हमने बात की डॉक्टर तुषार तयाल से और उनसे समझा कि कोविड-19 से ठीक होने के बाद किन बातों का रखें ध्यान.
Coronavirus: Recovered from COVID-19: जो लोग हाल ही में कोरोना वायरस से ठीक हुए हैं, उन्हें ज्यादा मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की जरूरत है, ताकी उनकी सेहत फिर से पूरी तरह से ठीक हो सके. इसका मतलब है कि व्यक्ति के आहार में ऐसी चीजें शामिल होनी चाहिए, जिनसे उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो और उन्हें शक्ति के साथ ऊर्जा मिले.
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कोविड-19 से ठीक होने के बाद कौन से लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं? (COVID-19 (coronavirus), Long-Term Effects)
‘लॉन्ग कोविड सिंड्रोम' (Long Covid Symptoms) के कई मामले देखे गए हैं. डॉक्टर्स मरीजों से ठीक होने के बाद अपनी सेहत को बड़े ध्यान से देखने व एक सेहतमंद आहार लेने के लिए कहते हैं. उन्हें मनोवैज्ञानिक समस्याएं न हों, इसके लिए उनसे अपनी सामान्य दिनचर्या फिर से शुरू करने के लिए कहा जाता है. साथ ही म्यूकर्मा ईकोसिस या ब्लैक फंगस संक्रमण से बचने का परामर्श भी दिया जाता है, जो कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों में देखने को मिल रहा है. यह दुर्लभ है, लेकिन बहुत गंभीर फंगल संक्रमण है, जो कोविड-19 के मरीजों में देखा गया है और यह चेहरे पर आंखों और गालों के आस पास दिखाई देता है. कुछ मामलों में इससे फेफड़ों का संक्रमण भी हुआ है.
इस समय, जो मरीज हल्के या मध्यम लक्षणों के साथ घर पर ठीक हुए हैं, उन्हें जल्दी थकान आना और पेशियों में दर्द के लक्षण हो सकते हैं. हालांकि, उन्हें म्यूकर्मा ईकोसिस यानी आंखों के चारों ओेर, गाल की हड्डी या निचले जबड़े में दर्द या सूजन के संकेतों के प्रति सावधान रहना चाहिए और ये लक्षण दिखते ही फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. जो मरीज नैगेटिव आने के बाद भी अभी भी हॉस्पिटल में वैंटिलेटर सपोर्ट या ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, उन्हें पूरी तरह से ठीक होने तक लगातार हॉस्पिटल केयर की जरूरत होगी. ऐसे मरीजों को दूसरे संक्रमणों, जैसे मल्टी-ऑर्गन फेल्यौर और ब्लैक फंगस संक्रमण तक का जोखिम बहुत ज्यादा हो सकता है.
कोविड-19 से ठीक होने के बाद किन प्रोटोकॉल्स का पालन करें (Post-Covid Complications and Care)
- कोविड-19 के लिए उचित व्यवहार का पालन करते रहें (मास्क, हाथों व सांस की
हाईज़ीन, शारीरिक दूरी)
- पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी पिएं.
- डॉक्टरों द्वारा बताए गए इम्युनिटी बूस्टर लें.
- घर का काम एवं प्रोफेशनल काम को चरणबद्ध रूप से नियमित रूप से फिर शुरू
करें.
- संतुलित व पोषणयुक्त आहार लें, ताजा एवं आसानी से पचने वाला भोजन करें.
- पर्याप्त नींद लें एवं आराम करें.
- धूम्रपान व अल्कोहल लेने से बचें.
- कोविड-19 के लिए बताई गई दवाई नियमित तौर से लें और यदि कोई अन्य बीमारी हो, तो उसका इलाज करें.
- घर में खुद के स्वास्थ्य की जांच, जैसे तापमान लेना, ब्लड प्रेशर, खून में शुगर मापना (अगर डायबिटिक हैं, तो), पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन की जांच वगैरह (अगर डॉक्टर परामर्श दे) करते रहें.
- अगर लगातार सूखी खांसी/गला खराब बना हुआ है, तो नमक के पानी से गरारे करें और स्टीम लेते रहें. डॉक्टर के परामर्श से खांसी की दवाई लें.
- तेज बुखार, सांस फूलने, ऑक्सीजन लेवल 95 से कम होने, छाती में दर्द, ध्यान केंद्रित करने में कमजोरी के शुरुआती लक्षणों के प्रति सावधान रहें.
इन लक्षणों पर नजर रखें क्योंकि अगर इन्हें नजरंदाज कर दिया गया, तो उससे गंभीर संक्रमण हो सकते हैं, सांस की समस्या हो सकती है और ठीक होने में लगने वाला समय लंबा हो सकता है. इस समय लाँग कोविड के मरीजों का इलाज उनके शारीरिक पुनर्वास, सांस के व्यायाम और ध्यान लगाने पर केंद्रित हैं. सपोर्ट समूह, काउंसलिंग एवं काम के वातावरण में लचीलापन भी इस बीमारी से पीडि़त कई लोगों को सुकून देंगे.
(डॉक्टर तुषार तयाल, डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन, सीके बिरला हॉस्पिटल, गुड़गांव)
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