Pink Eye Syndrome: क्या होता है पिंक आई सिंड्रोम, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

Pink Eye Syndrome: पिंक आई की समस्या बहुत सीरीयस समस्या बन सकती है, अगर सही समय पर इस पर ध्यान ना दिया जाए तो. इससे आपका पूरा विजन ब्लॉक हो सकता है.

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आंखे हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं. इसमें थोड़ा सा भी कुछ हो जाए तो  हमारे लिए परेशानी खड़ी हो जाती है. आंख आना जैसी समस्या तो आपने सुनी ही होगी लेकिन इससे मिलती जुलती एक और समस्या है जो आपको परेशानी में डाल सकती है. जी हां, पिंक आई ऐसी ही समस्या है, जिसे डॉक्टरी भाषा में कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) भी कहा जाता है. ज्यादा गर्म या ठंड़ा वातावरण होने से इसके होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. हालांकि ये बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन कई बार इसके लक्षण इतने गंभीर होते है कि आपको बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. आपको ज्यादा कन्फ्यूजन न हो इसके लिए हम आपको इस बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हैं. 

क्या होता है पिंक आई सिंड्रोम या कंजक्टिवाइटिस?

हमारी आंखों पर एक पारदर्शी झिल्ली (कंजंक्टिवा)  मौजूद होती है जो हमारी आंखों और पलकों के अंदरूनी हिस्से को ढकती है. जब इस हिस्से में सूजन पड़ जाती है तो हमारी आंखों लाल या गुलाबी दिखाई देने लग जाती हैं. इसी समस्या को कंजक्टिवाइटिस कहते हैं. 

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पिंक आई( Pink Eye) के लक्षण-

पिंक आई की समस्या आपके लिए बहुत सीरीयस समस्या बन सकती है अगर सही समय पर इस पर ध्यान ना दिया जाए तो. इससे आपका पूरा विजन ब्लॉक हो जाता है. पिंक आई बीमारी बहुत संक्रमक होती है और बहुत जल्दी एक से दूसरे में फैलती है. इसलिए अगर आप इस परेशानी से जूझ रहे तो इसका जल्द से जल्द इलाज करवाएं. 

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पिंक आई के लक्षण बहुत आम होते हैं जैसे-

1.दोनों साइड की आंखों का लाल होना

2.आंखों में खुजली होना 

3.आंखों से बार बार आंसू आना

4.आंखों में किरकिरी और अजीब सा महसूस होना 

5.आंखो में सूजन आना  

कंजक्टिवाइटिस होने का क्या है कारण?

नवजात शिशुओं में कंजक्टिवाइटिस होने का कारण टियर डक्ट का ब्लॉक होना होता है. वहीं बड़ों में ये वायरस , बैक्टिरिया, एलर्जी या किसी केमिकल के कारण हो सकता है.

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कंजक्टिवाइटिस से बचने के उपाय- 

1. घर में साफ सफाई रखें.

2. अपनी आंखों को अपने हाथों से छूने से बचें.

3. अपने सामानों को किसी के साथ शेयर न करें.

4.जितनी बार हो सके उतनी बार अपने हाथों को धोएं. 

कैसे करें उपचार?

अगर आप कंजक्टिवाइटिस की समस्या से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर से एक बार कंसल्ट जरूर कर लें.  कंजक्टिवाइटिस वैसे तो कई प्रकार की होती हैं और सबके इलाज भी अलग अलग होते हैं,लेकिन ज्यादातर मामलों में ये अपने आप ठीक हो जाती है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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