धूप के साथ-साथ Vitamin D के बेहतरीन सोर्स हैं ये फ़ूड, पर ज्यादा मात्रा में लिए तो हो सकते हैं नुकसान

Vitamin- D हमारी सेहत के लिए कितना जरूरी है, यह तो हम सभी जानते हैं लेकिन अक्सर इसकी कमी के चलते लोग गंभीर समस्या से जूझने लगते हैं. ऐसे में एनडीटीवी से खास बातचीत में ऑर्थोपेडिक डॉक्टर ईश्वर बोहरा ने इस पर बारीकी से बात की.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
विटामिन डी की डेफिशियेंसी को दूर करते हैं ये Vitamin D के सोर्स.

Vitamin D Source: विटामिन डी एक fat-soluble विटामिन है, जो हड्डियों (Bones) की सेहत को बेहतर बनाए रखने और इम्यून सिस्टम (Immune System) को सपोर्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये शरीर को रूटीन डाइट (Routine Diet) से कैल्शियम और फास्फोरस को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है, जो हड्डियों के लिए जरूरी होता हैं. इसके अलावा, विटामिन डी (Vitamin D) मसल्स और सेल्स को बनाने और सूजन को कम करने का भी काम करता है. लेकिन ये विटामिन हमें कहां-कहां से मिल सकता है, इस बारे में NDTV ने ऑर्थोपेडिक डॉ. ईश्वर बोहरा से की खास बातचीत. 

सवाल- विटामिन डी के सोर्स कौन-कौन से हो सकते हैं?

जवाब- डॉ. ईश्वर बोहरा ने बताया कि विटामिन डी का प्राइमरी सोर्स सूरज की रोशनी है, क्योंकि यूवीबी किरणों के संपर्क में आने पर स्किन इसे अब्जॉर्ब करती है. अगर आप रेगुलर कोई एक्टिविटी या स्पोर्ट्स खेलते हैं तो इससे भी आपको विटामिन डी मिलता है. वहीं, गर्वमेंट की गाइडलाइन के अनुसार 45 ऐसे फूड हैं, जिसमें विटामिन डी पाया जाता है. इसमें फैटी फिश (जैसे सैलमन और मैकेरल), डेयरी उत्पाद ( घी, दूध, दही, मक्खन ), अंडे की जर्दी और कुछ मशरूम शामिल हैं. हालांकि, अकेले डाइट के जरिए पर्याप्त विटामिन डी लेना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए रोजाना 15-20 मिनट या हफ्ते में 3 बार 25-25 मिनट तक सूर्य की किरणें हमें लेनी चाहिए. साथ ही सप्लीमेंट्स भी विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं.

एक दिन में कितने कदम चलना है हार्ट की हेल्थ के लिए फायदेमंद, एक्सपर्ट से जानिए इसका जवाब

Advertisement

सवाल- क्या विटामिन बी का ओवरडोज नुकसानदायक है?

जवाब- विटामिन डी के ओवरडोज पर बात करते हुए डॉक्टर बोहरा ने बताया कि विटामिन डी का ओवरडोज बहुत रेयर कंडीशन में होता है, वो भी ज्यादातर बच्चों के अंदर देखा जाता है. दरअसल, विटामिन डी फैट सॉल्युबल विटामिन है, जो बॉडी के अंदर स्टोर हो जाता है. लेकिन ज्यादा देर सनलाइट में बैठने से स्किन पिगमेंटेशन हो सकता है और त्वचा झुलस कर काली पड़ सकती है. वहीं अगर आप सप्लीमेंट के तौर पर विटामिन डी लेते हैं, तो इसका ओवरडोज करने से बचना चाहिए. इसके लिए हर 6 महीने में विटामिन डी का टेस्ट करवाएं और उसे मेंटेन करने के लिए आप मंथली, वीकली या रेगुलर भी अपने विटामिन डी के डोज का इंटेक कर सकते हैं. साथ ही अपनी डाइट के अंदर विटामिन डी के नेचुरल सोर्स को लेने से भी ये लेवल में रहता है.

Advertisement

सवाल- क्या पूरी तरह से विटामिन डी सप्लीमेंट्स डिपेंड पर रहना ठीक है? 

जवाब- डॉक्टर ईश्वर बोहरा ने बताया कि विटामिन डी के नेचुरल सोर्स और सप्लीमेंट दोनों ही फायदेमंद होते हैं, लेकिन जब आपके पास नेचुरल सोर्स जैसे सनलाइट और कुछ फूड आइटम्स अवेलेबल हैं, तो सप्लीमेंट्स लेने से हमें बचना चाहिए. सनलाइट से बनने वाला विटामिन डी सबसे बेस्ट क्वालिटी का विटामिन होता है. दूसरी ओर अगर आप सप्लीमेंट के तौर पर विटामिन डी लेते हैं, तो कई बार इसे बंद करने से विटामिन डी अचानक से कम भी हो जाता है. ऐसी स्थिति में विटामिन डी के साथ मैग्नीशियम की दवाइयां भी दी जाती है.

Advertisement

(डॉ. ईश्वर बोहरा, एसोसिएट डायरेक्टर, आर्थोपेडिक्स, बीएलके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली)

Heart Attack In The Gym: Medical Diagnostic Before Starting Gym | Dr Vikas Thakran (Cardiology)

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
IND vs AUS Test Match: 2nd Innings में Australia को भारत ने दिया 534 रन का Target