Norovirus Causes: भारत में एक बार फिर नोरोवायरस के मामलों को रिपोर्ट किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साउथ केरल में दो मामलों का पता चलने के बाद स्कूल के लगभग 62 छात्रों और कुछ अभिभावकों में इसी तरह के लक्षण दिखाई दिए जिसके बाद दो सैंपल लैब में टेस्ट के लिए भेजे गए. यह दूसरी बार है जब राज्य में नोरोवायरस के प्रकोप (Norovirus Outbreaks) का पता चला है. पिछले साल तिरुवनंतपुरम के विझिंजम में दो बच्चे इसी वायरस से संक्रमित पाए गए थे.
लहसुन खाने के 10 अद्भुत स्वास्थ्य लाभ, जानें इस्तेमाल करने का सबसे आसान तरीका
नोरोवायरस क्या है? (What Is Norovirus?)
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, नोरोवायरस एक वायरल बीमारी है जो विश्व स्तर पर तीव्र गैस्ट्रोएंटेराइटिस का सबसे आम कारण है, जिसमें तीव्र शुरुआत दस्त और उल्टी सहित लक्षण हैं. वायरस अत्यधिक संक्रामक है और दूषित पानी, भोजन और सतहों से फैलता है.
नोरोवायरस के लक्षण (Symptoms Of Norovirus)
उल्टी
दस्त
सिरदर्द
शरीर में दर्द
थकान
लक्षण कितने दिनों में दिखते हैं?
सीडीसी के मुताबिक, नोरोवायरस पेट या आंतों की सूजन का कारण बनता है. इसे तीव्र आंत्रशोथ के रूप में जाना जाता है. लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 12 से 48 घंटे बाद दिखाई देते हैं. ज्यादातर लोग नोरोवायरस बीमारी से एक से तीन दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं.
8 भारतीय मसाले जिनका खाने बनाने के अलावा मेडिसिनल उपयोग भी, कई बीमारियों में दवा का करते हैं काम
हालांकि वायरस का आमतौर पर हेल्दी लोगों पर हल्का प्रभाव पड़ता है, लेकिन यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अन्य मेडिकल कंडिशन वाले लोगों में पेट की गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.
नोरोवायरस का कारण (Causes Of Norovirus)
लोग दूषित भोजन या तरल पदार्थ खाने या पीने से, दूषित सतहों या वस्तुओं को छूने और फिर अपनी उंगलियों को अपने मुंह में डालने से, या किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से जैसे कि उनकी देखभाल करना या उनके साथ भोजन शेयर करना या उनके साथ एक बर्तन पर खाने ये इफेक्ट कर सकता है.
नोरोवायरस का इलाज (Treatment Of Norovirus)
नोरोवायरस बीमारी के इलाज के लिए कोई विशेष दवा नहीं है. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सीडीसी खोए हुए द्रव को बदलने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ पीने की सलाह देता है. अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोना भी जरूरी है क्योंकि ठीक हुए लोगों के मल में वायरस कम से कम दो हफ्ते तक रह सकता है.
केरल में पहला मामला पिछले साल जून में अलप्पुझा जिले में दर्ज किया गया था. 2021 में नोरोवायरस से जुड़े लगभग 950 मामले उसी इलाके और आस-पास के इलाकों से सामने आए थे. प्रकोप डेढ़ महीने तक चला था.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.