Normal Sugar Level: नॉर्मल और डायबिटीज पेशेंट में अलग अलग होता है नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल, जानिए कब तक माना जाता है सामान्य

Normal Sugar Level: हम आपको यहां बता रहे हैं नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल. ताकि आप अपने घर के बड़े बुजुर्गों का शुगर चेक करते समय ये जान सकें कि उनका ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल है या नहीं.

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जानिए क्या है ब्लड में शुगर का सामान्य लेवल | Blood sugar level range

Normal Sugar Level: आज के दौर में डायबिटीज का नाम सुनकर ही पसीने छूटने लगते हैं. लाइफस्टाइल में आ रहे बदलाव की वजह से ये रोग भी तेजी से बढ़ रहा है. इसलिए विशेषज्ञ भी सलाह देते हैं कि समय रहते ब्लड शुगर लेवल की सही जानकारी होना बेहद जरूरी है. क्योंकि यही एक संकेत है जिससे पता चलता है कि शरीर किस दिशा में जा रहा है. अक्सर लोग रोज ब्लड शुगर नाप तो लेते हैं. लेकिन उन्हें ये नहीं पता होता कि नॉर्मल ब्लड शुगर कितनी होनी चाहिए या जानते बूझते अनजान बन जाते हैं. इसलिए हम आपको यहां बता रहे हैं नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल. ताकि आप अपने घर के बड़े बुजुर्गों का शुगर चेक करते समय ये जान सकें कि उनका ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल है या नहीं.

नॉर्मल शुगर रेंज कितनी होना चाहिए?

डॉक्टरों के अनुसार, बिना डायबिटीज वाले लोगों के लिए खाली पेट शुगर 70 से 99 mg/dL होनी चाहिए. वहीं खाने के दो घंटे बाद यह 140 mg/dL से कम रहनी चाहिए. HbA1c. भी शुगर के लिए एक टेस्ट होता है. जो तीन महीने का औसत दिखाता है. इस टेस्ट में शुगर लेवल 5.7% से कम होना सामान्य माना जाता है.

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डायबिटीज रोगियों के लिए यह सीमा थोड़ी अलग है. जिन्हें पहले से डायबिटीज है. उनकी खाली पेट 80 से 130 mg/dL, खाने के दो घंटे बाद 180 mg/dL से कम और HbA1c 7% से नीचे रहना चाहिए.

वहीं, गर्भवती महिलाओं के लिए नियम और भी सख्त हैं. खाली पेट शुगर 95 mg/dL से कम, खाने के एक घंटे बाद 140 mg/dL से कम और दो घंटे बाद 120 mg/dL से कम रहनी चाहिए.

कब समझें कि अलर्ट रहने का समय आ चुका है?

अगर शुगर लेवल असामान्य हो तो शरीर तुरंत संकेत देता है.
• हाई शुगर (Hyperglycemia): बार-बार पेशाब आना, बहुत प्यास लगना, ब्लर्ड विजन और लगातार थकावट.
• लो शुगर (Hypoglycemia): पसीना आना, चक्कर, घबराहट, चिड़चिड़ापन और कई बार बेहोशी तक की स्थिति.
ऐसे लक्षणों को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है.

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जीवनशैली से कंट्रोल करने के आसान उपाय

विशेषज्ञ कहते हैं कि दवाओं के साथ साथ जीवनशैली पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. इसके लिए कुछ आसान तरीके अपनाए जा सकते हैं:
• संतुलित आहार लें जिसमें फाइबर और प्रोटीन भरपूर हो.
• मीठे और मैदे की चीजों से दूरी बनाएं.
• रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज या योग करें.
• तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन अपनाएं.
• ब्लड शुगर नियमित जांचते रहें और डॉक्टर की सलाह लेते रहें.

जरूरी तथ्य जो शायद आपको न पता हों

• रिपोर्ट बताती है कि HbA1c टेस्ट सिर्फ एक दिन का नहीं बल्कि तीन महीने का औसत बताता है.
• हर व्यक्ति का नॉर्मल शुगर अलग हो सकता है. बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं की रेंज एक जैसी नहीं होती.
• इसके अलावा, “डॉन फेनॉमेनन” यानी सुबह सुबह हार्मोनल बदलाव के कारण भी शुगर लेवल अस्थायी रूप से बढ़ सकता है.

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कब डॉक्टर से मिलना जरूरी है?

अगर किसी का फास्टिंग शुगर लगातार 126 mg/dL से ऊपर हो या खाने के दो घंटे बाद 200 mg/dL से ज्यादा हो रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा, लगातार थकान, चक्कर या धुंधला दिखना भी खतरे का संकेत हो सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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