दिवाली से पहले ही दमघोंटू हवा से पैक हुआ नोएडा, बना देश का सबसे प्रदूषित शहर

Noida pollution: नोएडा का AQI 318 पहुंचना इस बात का संकेत है कि हवा में PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण खतरनाक लेवल पर हैं, जो फेफड़ों और दिल के लिए बेहद नुकसानदायक हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Polluton: दिवाली से पहले पॉल्यूशन की मार.

Noida Pollution Before Diwali 2025: दिवाली आने में अभी कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन नोएडा की हवा पहले ही जहरीली हो चुकी है. 16 अक्टूबर 2025 को नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 318 तक पहुंच गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है. सिर्फ 24 घंटे पहले यह 287 था. इस तेजी से बिगड़ती हवा की क्वालिटी ने नोएडा को देश का सबसे प्रदूषित शहर बना दिया है. हालात को देखते हुए प्रशासन ने GRAP-2 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान, स्टेज 2) लागू कर दिया है.

ये भी पढ़ें: क्या देर से शादी और बच्चा करना ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ाता है? जानें फैमली प्लानिंग में देरी के नुकसान

AQI क्या होता है और 318 का मतलब क्या है?

AQI यानी Air Quality Index एक ऐसा पैमाना है जो हवा में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा को मापता है. इसका स्केल 0 से 500 तक होता है:

  • 0–50: अच्छा
  • 51–100: संतोषजनक
  • 101–200: मध्यम
  • 201–300: खराब
  • 301–400: बहुत खराब
  • 401–500: गंभीर

नोएडा का AQI 318 पहुंचना इस बात का संकेत है कि हवा में PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण खतरनाक लेवल पर हैं, जो फेफड़ों और दिल के लिए बेहद नुकसानदायक हैं.

GRAP-2 क्या है और क्यों लागू किया गया?

GRAP यानी Graded Response Action Plan एक ऐसा सिस्टम है जो NCR में प्रदूषण लेवल के अनुसार चरणबद्ध तरीके से नियंत्रण उपाय लागू करता है.

ये भी पढ़ें: सिर्फ 1 हफ्ते में हो जाएगी किडनी की गंदगी साफ, ये घरेलू ड्रिंक करेगी कमाल, जानें बनाने का तरीका

Advertisement

GRAP-2 के तहत क्या होता है?

  • निर्माण कार्यों पर रोक लगाई जाती है.
  • सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता है.
  • डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर पाबंदी लगती है.
  • खुले में कचरा जलाने पर सख्त कार्रवाई होती है.
  • स्कूलों और अस्पतालों के पास खास निगरानी की जाती है.

इसका मकसद है कि हालात और न बिगड़ें, खासकर दिवाली जैसे त्योहार से पहले जब पटाखों और ट्रैफिक से प्रदूषण और बढ़ सकता है.

क्यों बिगड़ रही है नोएडा की हवा?

विशेषज्ञों के अनुसार, नोएडा में प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई कारण हैं:

  • निर्माण कार्यों से उड़ती धूल
  • वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी
  • कचरा जलाने की घटनाएं
  • हवा की धीमी गति, जिससे प्रदूषक जमा हो जाते हैं.
  • पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना, जिसका असर NCR की हवा पर पड़ता है.

स्वास्थ्य पर असर: बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा

  • बच्चों में सांस की तकलीफ, खांसी और एलर्जी.
  • बुजुर्गों में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोगों का खतरा.
  • गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह हवा नुकसानदायक हो सकती है.
  • स्वस्थ लोगों को भी सिरदर्द, थकान और आंखों में जलन हो सकती है.

डॉक्टरों की सलाह है कि इस मौसम में घर से बाहर निकलने से बचें, N95 मास्क पहनें और घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें.

Advertisement

ये भी पढ़ें: सिर्फ 1 चम्मच इस घरेलू पाउडर से पेट की चर्बी और कब्ज दोनों को कहें अलविदा, नेचुरल और असरदार उपाय

दिवाली पर क्या होगा?

अगर यही हालात बने रहे, तो दिवाली पर प्रदूषण और बढ़ सकता है. पटाखों का धुआं, ट्रैफिक और ठंडी हवा मिलकर AQI को गंभीर श्रेणी में पहुंचा सकते हैं. प्रशासन को चाहिए कि पटाखों पर सख्त नियंत्रण, जन जागरूकता अभियान और सख्त निगरानी से हालात को काबू में रखे.

Advertisement

त्योहार मनाएं, लेकिन सांसों की कीमत पर नहीं

दिवाली रोशनी और खुशियों का त्योहार है, लेकिन अगर हवा ही सांस लेने लायक न हो, तो जश्न फीका पड़ जाता है. नोएडा की स्थिति एक चेतावनी है कि हमें पर्यावरण के प्रति सजग होना होगा. साफ हवा सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, हम सबकी साझी जिम्मेदारी है.

Gurudev Sri Sri Ravi Shankar: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Spirituality तक हर बात

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bengaluru Doctor ने Anaesthesia से किया Dermatologist Wife का मर्डर? | Doctor's 'Cure' That Killed