What disease causes tumors all over the body: अगर आपकी स्क्रीन पर भी अपनी हेल्थ कंडिशन के लिए किसी डोनेशन साइट का यह नोटिफिकेशन बार बार आता है, तो यकीनन आप भी यह जानना चाहते होंगे कि यह क्या रोग है और क्यों होता है. यह न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस रोग है. न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस क्या होता है, तो आपको बता दें कि असल में न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस (Neurofibromatosis) एक तरह जेनेटिक डिसऑर्डर (genetic disorder) जिसके कारण नर्व टिश्यू में ट्यूमर बनने लगता है. इस तरह का ट्यूमर ब्रेन, रीढ़ की हड्डी और नर्व समेत नर्वस सिस्टम में कही भी डेवलव हो सकता है.
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस के कारण होने वाले ट्यूमर आमतौर पर कैंसरकारी नहीं होते हैं लेकिन कभी-कभी ये घातक कैंसर का रूप ले लेते हैं. न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस इसके कारण सुनने की क्षमता में कमी, सीखने की क्षमता में कमी, हार्ट और ब्लड वेसेल्स में समस्याएं, देखने की क्षमता में कमी और गंभीर दर्द हो सकता है.
आमतौर पर न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस 1 (NF1) का पता बचपन में ही चल जाता है लेकिन न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस 2 (NF2) और श्वानोमैटोसिस की पता युवास्था के शुरुआत में लगता है. आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और कारण.
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस के कारण (Causes of Neurofibromatosis)
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस का कारण जेनेटिक डिस्आर्डर होता है. यह डिस्आर्डर आमतौर पर माता पिता से आता है या गर्भावस्था में उत्पन्न होता है. न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस के अलग अलग प्रकार के लिए अलग अलग जीन कारण बनते हैं. NF1 जीन क्रोमोजोम 17 पर होता है. यह जीन न्यूरोफाइब्रोमिन नाम का प्रोटीन का उत्पादन करता है जो कोशिका वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद करता है.
जीन में म्यूटेशन के कारण न्यूरोफाइब्रोमिन में कमी आने लगती है जिससे सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं. NF2 जीन क्रोमोसोम 22 पर होता है, और मर्लिनया या श्वाननोमिन प्रोटीन का उत्पादन करता है, यह ट्यूमर को दबाता है. म्यूटेट जीन के कारण मर्लिन में कम आने लगती है जिससे सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं.
अब तक, दो जीन श्वानोमैटोसिस का कारण बनने के लिए जाने जाते हैं. जीन SMARCB1 और LZTR1 के म्यूटेशन इस तरह के न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस का कारण बनते हैं.
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस के लक्षण (Symptoms of Neurofibromatosis)
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस 1(NF1)
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस 1 (NF1) के लक्षण अक्सर जन्म के समय या उसके तुरंत बाद से लेकर 10 साल तक सामने आते हैं. इनमें स्किप पर हल्के भूरे रंग के धब्बे, कमर पर झाइयां, आंखों की पुतली पर छोटे-छोटे उभार, स्किन पर नरम, मटर के आकार के उभार हो सकते हैं. उम्र के साथ न्यूरोफाइब्रोमा की संख्या बढ़ सकती है. इसके साथ हडिडयों का असामान्य विकास जैसे कि घुमावदार रीढ़ (स्कोलियोसिस) या निचले पैर का झुकना, सीखने की क्षमता में कमी जैसे लक्षण सामने आते हैं.
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस 2(NF2)
न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस 2 (NF2) NF1 की तुलना में कम होता है. NF2 के लक्षण आमतौर पर दोनों कानों धीमी गति से बढ़ने वाले ट्यूमर के कारण सुनन की क्षमता में कमी के रूप में सामने आता है. ये लक्षण आम तौर पर किशोरावस्था के अंत और प्रारंभिक वयस्क वर्षों के दौरान दिखाई देते हैं. इसके कारण सुनने की क्षमता कम होना, कान में घंटी बजते रहना, ख़राब संतुलन और सिर दर्द हो सकता है.
श्वानोमैटोसिस
श्वानोमैटोसिस रेयर टाइप का न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस है और आमतौर पर 20 वर्ष की आयु के बाद लोगों को प्रभावित करता है. लक्षण आमतौर पर 25 से 30 वर्ष की आयु के बीच दिखाई देते हैं. लक्षणों में पुराना दर्द, जो शरीर में कहीं भी हो सकता है. शरीर के विभिन्न हिस्सों में सुन्नता या कमजोरी, मसल्स की कमी.
हालांकि donateforhealth वेबसाइट पर मिली जानकारी के अनुसार तस्वीर में दिख रहे इंसान का नाम श्रीराम है और उन्हें अपने इलाज के लिए जरूरत के मुताबिक फंड मिल गया था.
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