बढ़ती मानसिक बीमारियों के लिए जरूरी है मेंटल हेल्थ सपोर्ट सिस्टम, जानिए कौन लोग कर रहे इस दिशा में अच्छा काम

Mental Health of Youngster: युवाओं में मेंटल हेल्थ की बढ़ती समस्या ने इस पर तुरंत ध्यान देने और इसके लिए सपोर्ट सिस्टम पर काम कए जाने की जरूरत को बढ़ा दिया है. इस दिशा में कुछ युवाओं के प्रयास काफी सहारनीय हैं.

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Mental Health In Youth: युवाओं में बढ़ती मानसिक समस्याओं ने इस पर तुरंत ध्यान देने और इसके लिए सपोर्ट सिस्टम पर काम किए जाने की जरूरत को बढ़ा दिया है. इस दिशा में कुछ युवाओं के प्रयास काफी सराहनीय हैं. एनडीटीवी के युवा कॉन्क्लेव के इसी का नाम जिंदगी कार्यक्रम में युवाओं की मेंटल हेल्थ (Mental Health) पर कुछ ऐसे युवाओं से बात हुई जो इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. आइए जानते हैं हेल्थ कलेक्टिव की दिविजा भसीन और टिप्सी ब्यूटी की कैरेवी भारत राम इस विषय पर क्या और कैसे काम रही हैं.

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सोशल मीडिया से मदद

आज के युवाओं में कम्युनिकेशन का सबसे पॉपुलर मीडियम सोशल मीडिया है इसलिए हेल्थ कलेक्टिव की दिविजा भसीन इस मीडियम को मेंटल हेल्थ की समस्या से जूझ रहे युवाओं की मदद का माध्यम बनाया. उन्होंने बताया कि वे इन समस्याओं पर बात करने के लिए क्रिएटिव तरीकों की मदद लेती है. आज के युवा मेंटल हेल्थ की समस्या से परिचित हैं और वे अपनी प्रोब्लम की पहचान भी कर लेते हैं. वे कई बार इसके लिए प्रोफेशनल हेल्प लेना चाहते हैं लेकिन पैरेंट इसके लिए तैयार नहीं होते हैं. पेरेंट के मन में थेरेपी को लेकर अब भी कई तरह के भ्रम हैं. युवाओं की इन समस्याओं पर बात करते समय उनके पेरेंट से भी बात की जानी चाहिए.

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अपनी समस्याओं पर लिखी किताब

टिप्सी ब्यूटी की कैरेवी भारत राम कभी मेंटल हेल्थ की समस्याओं से गुजर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि 12वीं की परीक्षा के पहले उन्हें पैनिक अटैक आने लगे थे तब उनके पैरेंट ने उन्हें थेरेपी लेने का सुझाव दिया था. तीन साल तक निराशा में रहने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई शुरू की इससे उन्हें सामान्य जीवन में लौटने का मौका मिला. अपने थेरेपिस्ट की सलाह पर उन्होंने अपने अनुभव पर किताब लिखने का फैसला किया. लोग इन विषयों पर लिखने में संकोच करते हैं लेकिन किसी का अनुभव पढ़ने से लोगों को अपनी समस्या को स्वीकार करने में आसानी होती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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