डायबिटीज और हाई बीपी से महिलाओं के मुकाबले 10 साल पहले डिमेंशिया का शिकार हो सकते हैं पुरुष: शोध

एक शोध में यह बात सामने आई है कि टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्‍लड प्रेशर और धूम्रपान के कारण महिलाओं की तुलना में पुरुष 10 साल पहले डिमेंशिया का शिकार हो सकते है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

एक शोध में यह बात सामने आई है कि टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्‍लड प्रेशर और धूम्रपान के कारण महिलाओं की तुलना में पुरुष 10 साल पहले डिमेंशिया का शिकार हो सकते है. जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी न्यूरोसर्जरी एंड साइकियाट्री में ऑनलाइन प्रकाशित एक दीर्घकालिक शोध से पता चला है कि डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्‍लड प्रेशर और धूम्रपान जैसे हृदय रोग से पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा 10 साल पहले मनोभ्रंश (डिमेंशिया) की शुरुआत हो सकती है. पुरुषों में यह मनोभ्रंश की स्थिति 50 से 70 के बीच, वहीं महिलाओं को यह परेशानी 60 से 70 साल के बीच देखने को मिलती है.

ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क के सबसे कमजोर भाग ऑडिटोरी इंफॉर्मेशन, विजुअल परसेप्शन, इमोशनल प्रोसेसिंग और मेमोरी है. शोध में पाया गया कि हानिकारक प्रभाव उन लोगों में भी स्पष्ट हैं जिनके पास उच्च जोखिम वाला एपीओई4 जीन नहीं था. शोधकर्ताओं ने बताया,'' कार्डियोवैस्कुलर रिस्क का हानिकारक प्रभाव कॉर्टिकल एरिया पर ज्यादा था, जिससे यह पता चलता है कि कार्डियोवैस्कुलर रिस्क किस प्रकार सोचने समझने की क्षमता पर असर डालते हैं.''

अध्ययन में यूके बायोबैंक के 34,425 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिनमें से सभी ने पेट और मस्तिष्क दोनों का स्कैन करवाया था. उनकी औसत आयु 63 वर्ष थी, लेकिन वह 45 से 82 वर्ष के बीच थी. परिणामों से पता चला कि पेट की चर्बी और आंत के वसा ऊतकों (टिशू) के बढ़े हुए स्तर वाले पुरुषों और महिलाओं दोनों में मस्तिष्क के ग्रे मैटर की मात्रा कम थी. शोधकर्ताओं ने कहा कि कार्डियोवैस्कुलर और मोटापे के कारण कई दशकों में मस्तिष्क की मात्रा में धीरे-धीरे कमी आई.

इस प्रकार टीम ने अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के उपचार या रोकथाम के लिए मोटापे सहित मोडिफाइबल कार्डियोवैस्कुलर रिस्क फैक्टर्स (हृदय संबंधी बदले जाने वाले रिस्क फैक्टर्स) को टारगेट करने पर जोर दिया.
शोध में न्यूरो डीजेनरेशन और अल्जाइमर रोग को रोकने के लिए 55 वर्ष की आयु से पहले हृदय संबंधी जोखिम कारकों को आक्रामक रूप से लक्षित करने के महत्व पर भी जोर दिया गया है. ये अन्य हृदय संबंधी घटनाओं जैसे मायोकार्डियल इंफार्क्शन [दिल का दौरा] और स्ट्रोक को भी रोक सकते हैं. हालांकि यह शोध अवलोकन पर आधारित है और इसका कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है.

कोलेस्ट्रॉल हार्ट के लिए कितना खतरनाक है? खराब कोलेस्ट्रॉल क्यों बढ़ने लगता है? जानिए

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Election Commission On Rahul Gandhi: Voter 'जिंदा' या 'मुर्दा', आज उठा पर्दा? | SIR | Elections
Topics mentioned in this article