कर्नाटक में डेंगू के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राज्य में इस साल अब तक 9 हजार 82 मामले मिल चुके हैं. आपको बता दें कि डेंगू एक वेक्टर जनित बीमारी है, जो संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है. मच्छर गर्म और नम वातावरण में पनपते हैं और इस बीमारी को जन्म देते हैं. कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने आंकड़ों को लेकर अपडेट दिया है. इसके मुताबिक बीते 24 घंटे में राज्य में डेंगू के कुल 424 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं. इस साल की शुरुआत से अब तक की बात करें तो 9082 केस दर्ज किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डेंगू से पीड़ित 119 मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. 24 घंटे में एक भी मौत रजिस्टर नहीं हुई है, लेकिन इस साल अब तक सात लोग डेंगू के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.
विभाग का दावा है कि 13 जुलाई को 2 हजार 557 लोगों का टेस्ट किया गया. तो वहीं इस साल कुल 66 हजार 298 लोगों का परीक्षण किया जा चुका है. ये सरकारी रिपोर्ट बताती है कि पिछले 24 घंटों में शून्य से एक साल तक के 4 बच्चे डेंगू पीड़ित पाए गए.
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वहीं, एक से 18 साल की उम्र के मरीजों की संख्या 168 है. 18 साल से ऊपर वाले मरीजों की संख्या 252 हैं. कुल मिलाकर 424 नए मरीज 24 घंटे में सामने आए हैं. बता दें कि कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए. डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने पूरे राज्य में ‘डेंगू वॉर रूम' स्थापित किए हैं. सरकार द्वारा 10 जुलाई को जारी सर्कुलर में निर्देशित किया गया है कि इस कदम का उद्देश्य बीमारी के प्रभाव को कम करने के लिए डेंगू के मामलों की निगरानी और प्रबंधन को बढ़ाना है. ये वॉर रूम डेटा संग्रहण और स्थिति आकलन के लिए महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में कार्य करेंगे, जिससे डेंगू संकट पर समन्वित और समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी. पिछले साल राज्य में कुल 19,300 मामले दर्ज किए गए थे. 2019 में सबसे ज़्यादा मौतें हुईं, जब 17 मरीज़ों ने दम तोड़ दिया.
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