घंटों कुर्सी पर बैठने वाले कमर दर्द के लिए ले रहे पेन किलर तो सावधान!

यह एक ऐसी परेशानी है जो एक बार हो जाए तो चैन से बैठना और ज्यादा देर तक खड़े रहना मुश्किल कर देती है. ऐसे में आइए जानते हैं स्लिप डिस्क क्या, क्यों होता है और इसका उपचार और बचाव क्या है.

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आयुर्वेद में स्लिप डिस्क को 'अस्थि मज्जा विकार' कहा जाता है. डिस्क रीढ़ की हड्डियों के बीच में होती है.

Back pain cause, symptoms and treatment : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कमर दर्द होना आम बात हो गई है. हम घंटों कुर्सी पर बैठे रहते हैं- ऑफिस में, घर में, या गाड़ी में. हमारी इस 'बैठने वाली' जीवनशैली (Sedentary Lifestyle) के कारण पीठ और कमर की मांसपेशियों में अकड़न और दर्द महसूस होना शुरू हो जाता है. अक्सर हम इसे मामूली दर्द समझकर टाल देते हैं या पेन किलर खाकर काम चलाते हैं. लेकिन आपको बता दें कि हर दर्द सामान्य नहीं होता. अगर आपकी कमर का दर्द लगातार बना हुआ है और आराम करने पर भी नहीं जा रहा, तो हो सकता है यह खतरनाक 'स्लिप डिस्क' की शुरुआत हो. यह एक ऐसी परेशानी है जो एक बार हो जाए तो चैन से बैठना और ज्यादा देर तक खड़े रहना मुश्किल कर देती है. ऐसे में आइए जानते हैं स्लिप डिस्क क्या, क्यों होता है और इसका उपचार और बचाव क्या है.

स्लिप डिस्क क्या है और क्यों होता है?

आयुर्वेद में स्लिप डिस्क को 'अस्थि मज्जा विकार' कहा जाता है. डिस्क रीढ़ की हड्डियों के बीच में होती है. यह हड्डी की तुलना में नरम होती है, जिसका रोल रीढ़ की हड्डी को लचक प्रदान करना होता है. ये शरीर को लगने वाले झटकों से भी बचाती है. ऐसे में रीढ़ की हड्डी के बीच मौजूद डिस्क कई बार अपने स्थान से खिसक सकती है और ऊपरी हिस्सों की नसों पर दबाव डालती है, तो पीठ दर्द की समस्या होने लगती है. ये दर्द पीठ से शुरू होकर पैरों तक पहुंच जाता है और दर्द से परेशान इंसान कमर पकड़कर झुक कर चलने के लिए मजबूर हो जाता है.

स्लिप डिस्क के कारण 

⦁    स्लिप डिस्क होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं, जिसमें लंबे समय तक बैठे रहना, ज्यादा वजन उठाना, हमेशा झुककर काम करना, मोटापा होना, लगातार वाहन को एक ही पोजीशन में चलाते रहना, झटका लगना और चोट लगना शामिल है. 
⦁    शुरुआती स्तर पर कुछ बदलाव करके दर्द में राहत पाई जा सकती है, लेकिन दर्द ज्यादा होने पर सर्जरी और फिजियोथेरेपी की सलाह डॉक्टर देते हैं.

दर्द में राहत और बचाव के आसान उपाय

⦁    स्लिप डिस्क न हो या ज्यादा दर्द न बढ़े, उसके लिए कुर्सी पर बैठते समय नरम कुशन का इस्तेमाल करें और बीच-बीच में चलते-फिरते रहें, लगातार कुर्सी पर बैठने से परहेज करें. 
⦁    गर्म पानी से सिकाई और दर्द वाले हिस्से पर तिल के तेल से मालिश करें, जिससे रीढ़ की हड्डी के आसपास के हिस्से पर रक्त का संचार बने और दर्द में राहत मिले.
⦁    इसके अलावा, कुछ आसन करके भी रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाया जा सकता है. इसके लिए कैट-काउ, चाइल्ड्स पोज, कोबरा पोज, ब्रिज पोज और मरकटासन जैसे आसन कर सकते हैं. 

ये रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में मदद करेंगे. ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह और दवा जरूर लें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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