जापानी शोधकर्ताओं ने ढूंढ निकाला वो कारण जिसने कोविड-19 को बनाया ज्यादा खतरनाक

टीम ने अपने अध्ययन को कोविड वायरस में "ISG15" नामक मोलेक्युलर टैग की भूमिका पर केंद्रित किया जो न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन को एक-दूसरे से जुड़ने नहीं देता है- यह वायरस को इकट्ठा करने की एक बड़ी प्रक्रिया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

जापानी शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम कोरोनावायरस 2 ( SARS‑CoV‑2 ) में एक एंजाइम होता है जो वायरस के खिलाफ कोशिका के जन्मजात डिफेंस सिस्टम के खिलाफ काम कर सकता है. कोबे विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि इस शोध से पता चल सकता है कि सार्स और मेर्स वायरस की तुलना में कोविड-19 ज्यादा संक्रामक क्यों है?

टीम ने अपने अध्ययन को कोविड वायरस में "ISG15" नामक मोलेक्युलर टैग की भूमिका पर केंद्रित किया जो न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन को एक-दूसरे से जुड़ने नहीं देता है- यह वायरस को इकट्ठा करने की एक बड़ी प्रक्रिया हैं.

यह भी पढ़ें: सर्दियां आने से पहले इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए रोज सुबह पिएं ये चीजें, वायरल बीमारियां रहेंगी कोसों दूर

शोधकर्ताओं ने क्या बताया?

विश्वविद्यालय के वायरोलॉजिस्ट शोजी इकुओ ने जर्नल ऑफ वायरोलॉजी में एक पेपर में समझाया, एंजाइम अपने न्यूक्लियोकैप्सिड से टैग हटा सकता है, जिससे नए एंजाइम को इकट्ठा करने की इसकी क्षमता दोबारा प्राप्त हो जाती है. शोजी ने कहा, "परिणाम बताते हैं कि कोरोनावायरस रोग इम्यून सिस्टम की इस पहलू से बच कर निकलने में माहिर होते हैं और इस वजह से ज्यादा संक्रामक होते हैं."

जन्मजात इम्यून सिस्टम (इनेट इम्यून सिस्टम) वायरस के प्रवेश, प्रतिकृति और कॉम्बिनेशन को सीमित करती है. यह संक्रमित कोशिकाओं का पता लगाकर उन्हें हटा भी देती है.

सार्स और मेर्स वायरस के विपरीत कोविड तेजी से लगभग सभी महाद्वीपों में फैल गया था, जिसमें कम आबादी वाला अंटार्कटिका भी शामिल था. कोविड वायरस लगातार नए-नए रूपों के साथ म्यूटेट और संक्रमित होता रहता है. हालांकि सामूहिक टीकाकरण के साथ इसका असर सीमित हो गया.

Advertisement

यह भी पढ़ें: क्या खाली पेट केला खाना वाकई नुकसान देता है? क्या आप जानते हैं केले की सच्चाई

शोधकर्ताओं ने कहा, "अगर हम ISG15 टैग को हटाने वाले वायरल एंजाइम के कार्य को रिस्ट्रिक्ट कर सकते हैं तो हम नई एंटीवायरल दवाएं विकसित करने में सक्षम हो सकते हैं. भविष्य की थेरेप्यूटिक स्ट्रेटजी में एंटीवायरल एजेंट भी शामिल हो सकते हैं जो सीधे न्यूक्लियोकैप्सिड प्रोटीन या इन दोनों के कॉम्बिनेशन को टार्गेट कर सकती है."

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Top Earning ASI Monument बना Agra का Taj Mahal! Ticket Sales से महज 5 Years में कमाए Rs 297 crore