Health Tips: भारतीय खाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा प्रोटीन और फाइबर की तुलना में ज्यादा होती है. जबकि हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि प्रोटीन और फाइबर की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए. तो क्या हमारे बुजुर्ग जो डाइट खाते आ रहे हैं वो सही नहीं है. इस सवाल का जवाब जानने के लिए NDTV ने बात की डॉ समीर भाटी (Dr Sameer Bhati) से, चलिए जानते हैं उन्होंने इसके जवाब में क्या कहा.
क्या वाकई गलत थी दादा-दादी की डाइट? ( Was the diet of our grandparents not right)
डॉ समीर भाटी ने कहा कि लोग अक्सर सवाल करते हैं कि हमारे ग्रैंड पेरेंट्स भी यही डाइट खाते थे, ये गलत कैसे हो सकती है. तो मेरा जवाब होता है कि वो जब ये डाइट खाते थे उस टाइम जो सोर्स था वो डिफरेंट था एटमॉस्फेयर अलग था, उस टाइम उनका मूवमेंट बहुत ज्यादा होता था. वो लोग काफी चलते थे और शारीरिक मेहनत करते थे. उस समय रोटी चावल का जो सोर्स था वो भी ठीक था. लेकिन आज के समय में ना तो हम बहुत ज्यादा पैदल चलते हैं और न बहुत शारीरिक मेहनत करते हैं. इस वजह से अब हमें अपनी डाइट में कार्ब की मात्रा कम रखनी चाहिए. कार्बोहाइड्रेट उनके लिए ज्यादा ठीक है जो बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत करते हैं. अगर आपकी डेक्स जॉब है, आप बहुत ज्यादा चलते नहीं है और एक्सरसाइज नहीं करते तो अपने खाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम रखें.
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बढ़ रही है जॉइंट की समस्या (Joint problems are increasing)
डॉ भाटी ने कहा कि रिसर्च के मुताबिक आजकल लोगों को जॉइंट की काफी प्रॉब्लम हो रही है. आपने भी देखा होगा कि अक्सर लोग जोड़ों में दर्द की शिकायत करते हैं. क्योंकि उनकी डाइट में प्रोटीन की मात्रा काफी कम होती है. अपनी मसल हेल्थ और जॉइंट हेल्थ (Muscle health and joint health) को ठीक रखने के लिए डाइट में प्रोटीन बढ़ाना जरूरी है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)