क्या बहुत जल्दी मार्केट में आने आने वाली है डेंगू वैक्सीन? भारत में स्टेज-3 क्लिनिकल ट्रायल हुआ शुरू

Dengue Vaccine Trial In India: वर्तमान में भारत में डेंगू के खिलाफ कोई एंटीवायरल इलाज या लाइसेंस प्राप्त वैक्सीन नहीं है, भारत में डेंगू वैक्सीन के लिए पहला स्टेज-3 क्लिनकल ट्रायल 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 19 साइटों पर किया जाएगा, जिसमें 10,335 से ज्यादा हेल्दी वयस्क प्रतिभागी शामिल होंगे.

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कंपनी वैक्सीन विकसित करने के सबसे एडवांस स्टेज में है.

Dengue Vaccine India: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और पैनेसिया बायोटेक लिमिटेड ने बुधवार को भारत में डेंगू के टीके के लिए पहले स्टेज 3 के क्लिनिकल ट्रायल की शुरुआत की घोषणा की. टेस्ट में भारत के स्वदेशी टेट्रावेलेंट डेंगू वैक्सीन, डेंगीऑल की प्रभावकारिता का इवेलुएशन किया जाएगा, जिसे पैनेसिया बायोटेक द्वारा विकसित किया गया है. इस ट्रायल में पहले प्रतिभागी को बुधवार को रोहतक के पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में टीका लगाया गया.

मूल रूप से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, यू.एस. द्वारा विकसित टेट्रावेलेंट डेंगू वैक्सीन स्ट्रेन (TV003/TV005) ने दुनिया भर में प्रीक्लिनिकल और क्लिनिकल ट्रायल में आशाजनक परिणाम दिखाए हैं.

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वैक्सीन बनाने के सबसे एडवांस स्टेज में है कंपनी

पैनेसिया बायोटेक तीन भारतीय कंपनियों में से एक है, जिसने यह स्ट्रेन प्राप्त किया है, वैक्सीन विकसित करने के सबसे एडवांस स्टेज में है. कंपनी ने इन स्ट्रेन पर बड़े पैमाने पर काम किया है ताकि एक फुल विकसित वैक्सीन फॉर्मूलेशन विकसित किया जा सके और इस काम के लिए एक प्रक्रिया पेटेंट भी है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय वैक्सीन फॉर्मूलेशन के क्लिनिकल ट्रायल में स्टेज 1 और 2 2018-19 में पूरे हो गए और आशाजनक परिणाम मिले.

पैनेसिया बायोटेक 3 क्लिनिकल ट्रायल ऑर्गेनाइज करेगा

ICMR के सहयोग से पैनेसिया बायोटेक भारत के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 19 साइटों पर स्टेज 3 क्लिनिकल ट्रायल आयोजित करेगा, जिसमें 10,335 से ज्यादा हेल्दी एडल्ट पार्टिसिपेट्स शामिल होंगे. पैनेसिया बायोटेक के आंशिक सपोर्ट के साथ मुख्य रूप से ICMR द्वारा वित्त पोषित इस ट्रायल में पार्टिसिपेट्स के साथ दो साल तक फॉलोअप किया जाएगा.

वर्तमान में भारत में डेंगू के खिलाफ कोई एंटीवायरल उपचार या लाइसेंस प्राप्त वैक्सीन नहीं है. एक प्रभावी वैक्सीन का विकास जटिल है क्योंकि सभी चार सीरोटाइप के लिए अच्छी प्रभावकारिता हासिल करनी होती है. भारत में डेंगू वायरस के सभी चार सीरोटाइप कई क्षेत्रों में ब्रॉडकास्ट या को-ब्रॉडकास्ट होते हैं.

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"डेंगू के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी प्रगति"

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा, "भारत के पहले स्वदेशी डेंगू वैक्सीन के लिए इस स्टेज 3 के क्लिनिकल ट्रायल की शुरुआत डेंगू के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक बड़ी प्रगति है. यह हमारे नागरिकों को इस व्यापक बीमारी से बचाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और वैक्सीन अनुसंधान और विकास में भारत की क्षमताओं को रेखांकित करता है. ICMR और पैनेसिया बायोटेक के बीच इस सहयोग के माध्यम से हम न केवल अपने लोगों के स्वास्थ्य और वेलबीइंग को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम उठा रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के अपने दृष्टिकोण को भी मजबूत कर रहे हैं."

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भारत में 75-80 प्रतिशत इंफेक्शन लक्षणहीन होते है

डेंगू भारत में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है, जो इस बीमारी के सबसे ज्यादा मामलों वाले टॉप 30 देशों में शुमार है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पिछले दो दशकों में डेंगू की वैश्विक घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है, 2023 के अंत तक 129 से ज्यादा देशों में डेंगू वायरल बीमारी की रिपोर्ट की गई है. भारत में लगभग 75-80 प्रतिशत संक्रमण लक्षणहीन होते हैं, फिर भी ये व्यक्ति एडीज मच्छरों के काटने से संक्रमण फैला सकते हैं. 20-25 प्रतिशत मामलों में जहां लक्षण मेडिकली स्पष्ट हैं, बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर का काफी ज्यादा जोखिम है. वयस्कों में यह बीमारी गंभीर स्थितियों में बढ़ सकती है, जिसमें डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम शामिल हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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