International Yoga Day 2021: योग दिवस पर जानें भारत में योग का इतिहास, महत्व और भारत के सबसे मशहूर योग गुरुओं के बारे में

International Yoga Day 2021: विश्व योग दिवस की शुरुआत तो 21 जून 2015 से हुई थी. लेकिन योग का इतिहास हज़ारों साल पुराना है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार योग का ज्ञान सबसे पहले सूर्य को ब्रह्मा जी ने दिया था. हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार योग की उत्पत्ति ब्रह्मा जी ने की थी.

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International Yoga Day 2021:  विश्व योग दिवस की शुरुआत तो 21 जून 2015 से हुई थी. लेकिन योग का इतिहास हज़ारों साल पुराना है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार योग का ज्ञान सबसे पहले सूर्य को ब्रह्मा जी ने दिया था. हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार योग की उत्पत्ति ब्रह्मा जी ने की थी. इसके बाद सूर्य से ये ज्ञान नारद मुनि को मिला और नारद मुनि ने योग का ज्ञान पृथ्वी पर मनु को दिया. इसके बाद पृथ्वी पर धीरे धीरे योग का प्रचार प्रसार हुआ. आपको बता दें भगवान श्रीकृष्ण ने भगवदगीता में अर्जुन को विभिन्न प्रकार के योग करने की सलाह दी थी. भगवत गीता में 18 प्रकार के योग बताए गए हैं. महर्षि पतंजलि ने भी 'योगसूत्र' नाम की एक पुस्तक लिखी है, इस पुस्तक को लेकर ये मान्यता है कि ये 2200 साल पहले लिखी गई थी.

भारत में योग का इतिहासः

योग का इतिहास वेदों और उपनिषदों से भी ज्यादा पुराना है. योग विद्या में शिव को प्रथम योगी और प्रथम गुरु या आदि गुरु माना जाता है. योग का इतिहास भारत में लगभग 5000 साल से ज्यादा पुराना है. मानसिक, शारीरिक और अध्यात्म के लिए लोग प्राचीन काल से ही योग का अभ्यास करते आ रहे हैं. सिंधु घाटी सभ्यता में ऐसे कई प्रमाण है जिसमें योग साधना और उसकी मौजूदगी को दर्शाया गया है. विभिन्न पौराणिक ग्रंथों में कई स्थानों पर योग का उल्लेख मिलता है.

योग विद्या में शिव को प्रथम योगी और प्रथम गुरु या आदि गुरु माना जाता है. 

भारत के मशहूर योग गुरुः 

1.तिरुमलई कृष्णमाचार्यः

तिरुमलई कृष्णमाचार्य को 'आधुनिक योग का पिता' भी कहा जाता है. इसके अलावा हठ योग को फिर से चलन में लाने का श्रेय है इन्हीं को जाता है. तिरुमलई कृष्णमाचार्य के बारे में मशहूर था कि इन्होंने अपने हृदय गति पर नियंत्रण पा लिया था. 

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2.स्वामी शिवानंदः

इन्होंने पूरी दुनिया को त्रिमूर्ति योग के बारे में सिखाया है. दुनिया भर में इस योग को त्रिमूर्ति योग के नाम से भी जाना जाता है.

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3. आचार्य बी एस आयंगरः

आचार्य बी एस आयंगर, टी कृष्णमाचार्य के सबसे पहले विद्यार्थियों में से थे, जिन्होंने विदेशों में योग को लोकप्रिय बनाया. बीमारियों के इलाज की खोज में इन्होंने पतंजलि के योग सूत्र का अध्ययन किया और इसी आधार पर पूरी दुनिया को आयंगर योग का ज्ञान दिया. 95 साल की उम्र में इनका निधन हुआ, कहते हैं इस उम्र में भी वो आधे घंटे शीर्षासन कर सकते थे.

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4. के पट्टभि जॉयसः

योगाचार्य पट्टभि जॉयस ने अष्टांग योग में विशेषज्ञता हासिल की थी. हॉलीवुड सिंगर और ऐक्ट्रेस मेडोना और स्टिंग आचार्य जॉयस के शिष्य हैं.

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5. महर्षि महेश योगीः

माना जाता है कि पारलौकिक ध्यान योग में महर्षि महेश योगी ने विशेषज्ञता हासिल की है. यह मेडिटेशन का ही एक प्रकार है जिसका अभ्यास आंखों को बंद करके किया जाता है. इनके ज्ञान से प्रभावित होकर मशहूर म्यूज़िक बैंड 'बीटल्स' भारत आए थे.

6. परमहंस योगानंदः

पश्चिमी दुनिया को मेडिटेशन और योग क्रियाओं से परमहंस योगानंद ने ही परिचित कराया था. परमहंस योगानंद का संबंध रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद की शिष्य परंपरा से है.

7. बाबा रामदेवः

बाबा रामदेव ने पूरी दुनिया में अनुलोम-विलोम और कपालभाति का काफी प्रचार प्रसार किया है. बाबा रामदेव ने पूरी दुनिया को इस बात का एहसास कराया है कि योग सिर्फ रोगियों के लिए नहीं,बल्कि आम आदमी के लिए भी है. 

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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