संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने बेहद संवेदनशील आंकड़ा जारी किया है. अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के मुताबिक ईस्टर्न डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) में जारी संघर्ष ने बच्चों को काफी नुकसान पहुंचाया है. जनवरी और फरवरी महीने में ही हर 30 मिनट में एक बच्चे का रेप हुआ. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यूनिसेफ ने बताया कि जनवरी और फरवरी में दुष्कर्म और यौन हिंसा के करीब 10,000 मामलों में से 35 से 45 प्रतिशत पीड़ित बच्चे थे. यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने जिनेवा में बताया कि इस साल जब कांगो (डीआरसी) के पूर्वी हिस्से में लड़ाई सबसे ज्यादा तेज थी, तब हर आधे घंटे में एक बच्चे का रेप हुआ.
एल्डर ने कहा कि यह इक्का-दुक्का घटनाएं नहीं हैं, बल्कि एक गंभीर और लगातार चल रही समस्या है. हम छोटे-छोटे बच्चों को भी इसका शिकार बनते देख रहे हैं. यह हिंसा युद्ध का एक तरीका बन गई है, जिसे डर फैलाने के लिए जानबूझकर इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे परिवार और पूरे समुदाय बुरी तरह टूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये आंकड़े शायद पूरी सच्चाई नहीं दिखाते, क्योंकि बहुत से मामले डर, बदनामी और असुरक्षा की वजह से सामने नहीं आते.
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एल्डर ने दुनिया से अपील की कि यौन हिंसा को रोकने के लिए मिलकर और तुरंत कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि हमें ऐसे उपाय करने चाहिए, जिससे इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें और पीड़ितों को पूरी मदद मिल सके. पीड़ितों को बिना डरे अपनी बात कहने के लिए सुरक्षित और आसान रास्ते मिलने चाहिए. उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि दुनिया उनके साथ है, न कि उन्हें अकेला छोड़ रही है और जो लोग ऐसे अपराध करते हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए.
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