Eye Care: बढ़ते प्रदूषण और सर्द हवाओं से पूरे शरीर की देखभाल करना आवश्यक हो जाता है, लेकिन इसी मौसम में आंखों की देखभाल करना भी जरूरी है. सर्द हवाएं आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे आंखों में जलन, पानी आना और पलकें चिपचिपी हो जाती हैं. ऐसे में आयुष मंत्रालय ने आंखों की देखभाल के लिए चार असरदार तरीके बताए हैं, जिनसे कम समय में आंखों की देखभाल की जा सकती है.
कैसे करें आखों की देखभाल
ये भी पढ़ें: चौंकाने वाला अध्ययन: पिता का माइक्रोप्लास्टिक संपर्क बढ़ा सकता है बेटियों में डायबिटीज
आयुष मंत्रालय ने आंखों की देखभाल को बेहतर बनाए रखने के लिए एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें चार ऐसे तरीकों का जिक्र किया गया है जिसमें मोमबत्ती और कॉटन पैड की मदद से आंखों को आराम दिया जा सकता है.
आई पामिंग
पहला है आई पामिंग. आई पामिंग में दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में रगड़कर गर्म किया जाता है और आंखों पर लगाया जाता है. इससे आंखों की थकान कम होती है और वे रिलैक्स महसूस होती हैं. लगातार स्क्रीन पर देखने से आंखों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है. दबाव कम करने के लिए आई पामिंग बेस्ट तरीका है.
त्राटक
दूसरा है त्राटक. ये एक अभ्यास है, जिसके जरिए आंखों की रोशनी में सुधार, आंखों की सफाई और आंखों की नमी को वापस पाया जा सकता है. इसके अभ्यास के लिए एक मोमबत्ती को कुछ दूरी पर रखा जाता है. मोमबत्ती की लौ को लगातार बिना पलक झपकाए देखता रहता है. इससे आंखों की आंतरिक स्पष्टता बढ़ती है.
गीले कॉटन पैड
तीसरा उपाय है गीले कॉटन पैड. आंखों के तनाव से बचाने के लिए और सिर दर्द से आराम पाने के लिए गीले कॉटन पैड का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए रूई लेकर उसे चपटा करके फैला लिया जाता है. कॉटन को ठंड़े पानी या गुलाब जल में भिगोकर कुछ देर के लिए आंखों पर रखा जाता है. इसकी जगह कुछ लोग खीरे के टुकड़ों का भी इस्तेमाल करते हैं. ये आंखों के नीचे आने वाली सूजन को भी कम करने में मदद करता है.
ये भी पढ़ें: सर्दियों में शुगर कंट्रोल रखने का योग पैकेज, बाबा रामदेव ने बताया बच्चों और बड़ों को कौन से 5 आसन करने चाहिए
भाप लेना
चौथा है भाप लेना. सर्दियों में कुछ लोगों को सुबह आंखें खोलने में दिक्कत होती है क्योंकि आंखों की गदंगी पलकों पर बुरी तरीके से चिपक जाती है. ऐसे में हल्की भाप की मदद से आंखों को ऊर्जावान बनाया जा सकता है. इससे पलके चिपकती नहीं हैं, लेकिन ज्यादा भाप लेने से बचें क्योंकि ये ड्राइनेस को भी बढ़ावा देती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














