New Year Party: न्यू ईयर की पार्टी आते ही एक वाक्य बहुत आम हो जाता है "मैं सिर्फ बीयर पीता हूं, हार्ड ड्रिंक नहीं." कहने वाले को लगता है कि उसने सेहत का कोई बड़ा समझौता नहीं किया और सुनने वाले भी मान लेते हैं कि बीयर तो हल्की होती है, इससे क्या ही नुकसान होगा. लेकिन, सच यह है कि यह न्यू ईयर पर बोला जाने वाला सबसे बड़ा हेल्थ झूठ है. आज के समय में बीयर को सेफ अल्कोहल की तरह पेश किया जाता है. विज्ञापन हों, दोस्तों की बातचीत हो या सोशल मीडिया, बीयर को कूल, हल्का और नुकसान-रहित दिखाया जाता है. लेकिन, मेडिकल और हेल्थ के नजरिए से देखा जाए, तो शराब शराब ही होती है, चाहे वह बीयर हो, वाइन हो या व्हिस्की. फर्क सिर्फ मात्रा और आदत का होता है, असर का नहीं.
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सिर्फ बीयर बोलने से सेहत सुरक्षित क्यों नहीं हो जाती?
बीयर में अल्कोहल की मात्रा हार्ड ड्रिंक से कम जरूर होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह नुकसान नहीं करती. बीयर में औसतन 4-6 प्रतिशत अल्कोहल होता है. अब अगर कोई व्यक्ति 3-4 बोतल बीयर पी ले, तो वह उतनी ही अल्कोहल ले चुका होता है जितनी 2-3 पैग व्हिस्की में होती है. समस्या यह है कि लोग बीयर को ड्रिंक नहीं बल्कि रिफ्रेशमेंट समझकर ज्यादा मात्रा में पी जाते हैं.
सबसे बड़ा भ्रम: बीयर से पेट नहीं निकलता?
अक्सर कहा जाता है, "पेट तो हार्ड ड्रिंक से निकलता है, बीयर से नहीं." जबकि सच्चाई इसके उलट है.
बीयर में अल्कोहल, कार्बोहाइड्रेट, कैलोरी तीनों मौजूद होते हैं. बीयर पेट की चर्बी बढ़ाने में खास भूमिका निभाती है, इसलिए इसे आम भाषा में बीयर बेली कहा जाता है. न्यू ईयर के बाद कई लोग अचानक वजन बढ़ने की शिकायत करते हैं, जिसकी एक बड़ी वजह बीयर होती है.
लिवर के लिए बीयर भी उतनी ही खतरनाक:
लिवर अल्कोहल को पहचानता है, ब्रांड या टाइप को नहीं. बीयर रोज या ज्यादा मात्रा में पीने से फैटी लिवर, लिवर इंफ्लेमेशन, लंबे समय में सिरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. जो लोग कहते हैं "मैं शराबी नहीं हूं, बस बीयर पीता हूं", वे अक्सर यह नहीं समझ पाते कि नियमित बीयर पीना भी अल्कोहल डिपेंडेंस की शुरुआत हो सकती है.
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दिल के लिए भी नहीं है सुरक्षित?
कुछ लोग मानते हैं कि बीयर दिल के लिए ठीक होती है. हकीकत यह है कि अल्कोहल, ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है, दिल की धड़कन इर्रेगुलर कर सकता है. लंबे समय में हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ाता है. न्यू ईयर पर ज्यादा बीयर पीना अगले दिन सीने में भारीपन, बेचैनी और थकान की वजह बन सकता है.
दिमाग और नींद पर असर:
बीयर पीने के बाद कई लोगों को लगता है कि नींद अच्छी आती है. असल में यह गहरी नींद नहीं होती, बल्कि दिमाग सुन्न होने की स्थिति होती है.
इससे:
- नींद बीच-बीच में टूटती है.
- सुबह भारी सिर और सुस्ती रहती है.
- फोकस और मेमोरी प्रभावित होती है.
न्यू ईयर की रात की बीयर अगले कई दिनों तक दिमाग पर असर छोड़ सकती है।
"बीयर से हैंगओवर नहीं होता" एक और झूठ
हैंगओवर सिर्फ हार्ड ड्रिंक से नहीं होता. बीयर में मौजूद अल्कोहल, डिहाइड्रेशन और शुगर मिलकर सिर दर्द, उलझन, जी मिचलाना, कमजोरी जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं. फर्क बस इतना है कि लोग बीयर ज्यादा पी लेते हैं, इसलिए नुकसान भी ज्यादा हो जाता है.
न्यू ईयर पर बीयर क्यों ज्यादा खतरनाक हो जाती है? | Why Does Beer Become More Dangerous on New Year's Eve?
न्यू ईयर पार्टी में:
- पीने की मात्रा पर ध्यान नहीं रहता.
- खाली पेट शराब पी ली जाती है.
- साथ में तला-भुना खाना खाया जाता है.
- पानी कम पिया जाता है.
ये चारों चीजें मिलकर बीयर के नुकसान को कई गुना बढ़ा देती हैं.
सेहतमंद विकल्प क्या हो सकते हैं?
अगर न्यू ईयर सेलिब्रेशन में शामिल होना ही है, तो कुछ समझदारी जरूरी है:
- खाली पेट शराब न पिएं.
- हर ड्रिंक के बीच पानी जरूर पिएं.
- मात्रा तय करें और उसी पर रुकें.
- रोज पीने की आदत न बनाएं.
- अगली सुबह हल्का खाना और वॉक करें.
- और सबसे जरूरी खुद से झूठ न बोलें.
"मैं सिर्फ बीयर पीता हूं." कहना आसान है, लेकिन सच यह है कि यह भी शराब ही है. नए साल 2026 पर अगर आप वाकई सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं, तो सबसे पहले इस झूठ को पहचानिए, बीयर सुरक्षित नहीं है, सिर्फ इसलिए क्योंकि वह हल्की दिखती है. बीयर, वाइन या हार्ड ड्रिंक तीनों का असर शरीर पर पड़ता है. फर्क सिर्फ मात्रा और आदत का होता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














