Tips To Prevent Migraine Attacks: नॉर्थ इंडिया कोल्ड वेव से कांप रहा है और घने कोहरे की चादर में ढका हुआ है. सर्दियों का मौसम बहुत सारी परेशानियों के साथ आता है. इस मौसम में सर्दी, खांसी, इन्फ्लूएंजा होने की संभावना आम है क्योंकि मौसम में थोड़ा सा बदलाव हमें वायरस की चपेट में ला सकता है. रेस्पिरेटरी डिजीज के अलावा, सर्दियों के मौसम में ठंडी, कठोर हवा के कारण माइग्रेन ट्रिगर्स और साइनसाइटिस ट्रिगर्स भी हो सकते हैं. टेंपरेचर गिरने पर लोगों को माइग्रेन अटैक का सामना करना पड़ सकता है. यह एक लगातार बनी रहने वाली स्वास्थ्य समस्या है जिसका सामना लोगों को सर्दियों में करना पड़ता है.
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सर्दियों के मौसम में माइग्रेन ट्रिगर्स क्यों बढ़ जाते हैं?
माइग्रेन ट्रिगर्स तेज शोर, तेज रोशनी, तापमान में बदलाव, मील स्किप करना, न खाना, शराब का सेवन या स्ट्रेस जैसे कारकों से शुरू होते हैं. इस मामले में सर्दियों में माइग्रेन तापमान और मौसम में बदलाव और कठोर और ठंडी हवा से शुरू होता है. जब तापमान अचानक गिरता है या अचानक शीत लहर चलती है, तो बैरोमीटर का दबाव भी कम हो जाता है. दबाव में यह गिरावट साइनस या कान में दर्द और माइग्रेन सिरदर्द का कारण बन सकती है. पहले से ही माइग्रेन की समस्या से जूझ रहे लोगों को ट्रिगर्स का सामना करना पड़ सकता है.
ठंडी हवा के प्रभाव को कम करने के उपाय | Ways to reduce the effect of cold wind
- अपने सिर को गर्म टोपी या स्कार्फ से ढंकें. ताकि यह सीधे ठंडी हवा के संपर्क में न आए. इससे आप सर्दी लगने से भी बच सकते हैं.
- अपने सिर की मालिश करने के लिए तेल का उपयोग करें. इससे माइग्रेन के दर्द से राहत मिल सकती है.
- डॉक्टर द्वारा रिकंमेंडेड दवाएं लें और आराम करें.
- गर्म तेल से सिर की मालिश करने से दर्द से राहत मिलेगी.
- समय पर सोएं और पर्याप्त घंटे सोएं.
- आराम करें और जो भी दवा आप ले रहे हैं उसका स्टॉक रखें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)