आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करेगा ऊष्ट्रासन, जानिए करने का तरीका और इसके फायदे

ऊष्ट्रासन शरीर के कई हिस्सों को लाभ पहुंचाता है. यह आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे रोशनी बढ़ाने में मदद मिलती है.

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काम का तनाव और अनियमित और भागदौड़ भरी दिनचर्या कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं की वजह बन सकते हैं. हालांकि, योग पद्धति के पास इन समस्याओं के समाधान के रूप में कई आसन हैं. इनमें से एक महत्वपूर्ण आसन का नाम है उष्ट्रासन, जिसका अभ्यास बेहद फायदेमंद होता है. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने ऊष्ट्रासन को एक ऐसा योगासन बताया है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है. यह योगासन आंखों की रोशनी बढ़ाने, पीठ और गर्दन के दर्द से राहत देने के साथ-साथ पेट की चर्बी कम करने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में मददगार है. ऊष्ट्रासन रीढ़ को लचीला बनाता है और हृदय-श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर करता है.

ऊष्ट्रासन शरीर के कई हिस्सों को लाभ पहुंचाता है. यह आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे रोशनी बढ़ाने में मदद मिलती है. यह रीढ़ को खींचता है, जिससे पीठ और गर्दन का दर्द कम होता है. यह पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिससे चर्बी कम होती है और पाचन तंत्र बेहतर होता है. इसके अलावा, यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है, जिससे श्वसन और हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है. यह तनाव और थकान को कम करने में भी सहायक है.

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कैसे करें ऊष्ट्रासन

मंत्रालय ऊष्ट्रासन के अभ्यास का सही तरीका भी बताता है. इसके लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें या घुटनों पर खड़े हों, पैरों को कूल्हों की चौड़ाई के बराबर रखें. धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें और अपने हाथों से एड़ियों को पकड़ें. सिर को पीछे की ओर झुकाएं और छाती को ऊपर की ओर लाएं. इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें. इसके बाद धीरे-धीरे शुरुआती स्थिति में वापस आएं और विश्राम करें.

ऊष्ट्रासन एक सरल और प्रभावी योगासन है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है. आयुष मंत्रालय की सलाह है कि नियमित अभ्यास से आप अपने शरीर को ऊर्जावान और लचीला बना सकते हैं. हालांकि, इसे सही तरीके से और सावधानी के साथ करना जरूरी है. ऊष्ट्रासन करते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. जिन्हें गंभीर पीठ दर्द, हर्निया, हाई या लो ब्लड प्रेशर की समस्या है या हाल में सर्जरी हुई हो, उन्हें यह आसन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करनी चाहिए. इसे खाली पेट करें और अधिक खिंचाव से बचें. शुरुआती लोगों को योग प्रशिक्षक की देखरेख में अभ्यास शुरू करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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