Effects OF Holi on Mental Health: होली यानी रंग-गुलाल, खुशियों और मेल मिलाप का त्योहार. होली पर हर कोई एक दूसरे को रंग लगा कर और मुंह मीठा करके खुशियों को मनाता है. इस त्योहार पर लोग एक दूसरे के घर भी जाते हैं और आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं. हालांकि कुछ लोग हैं जो इस त्योहार से परहेज करते हैं. ऐसे लोग अकेला रहना चाहते हैं और मेल मिलाप से बचना चाहते हैं. खासकर रंगों से दूरी बनाकर रखना चाहते हैं. आप भी ऐसा करते हैं तो आपको इस होली रंगों से दोस्ती करनी चाहिए, क्योंकि होली तन को ही नहीं मन को भी रंग देती है. चिंता, स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याओं के निपटने में ये त्योहार बेहद अहम भूमिका निभा सकता है. होली हमारे मेंटल हेल्थ के लिए बड़ी ही फायदेमंद है.
होली के रंग मेंटल हेल्थ को पहुंचाते हैं ये फायदे (Holi colors provide these benefits to mental health)
आपके तनाव को कम करता है
होली खेलने से आपके तनाव और चिंता के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है. चमकीले रंग और हंसी-खुशी वाला माहौल आपको अपनी परेशानियों को भूलने और आराम करने में मदद कर सकता है.
मूड में सुधार
अगर आप मूड संबंधी परेशानियों का अनुभव कर रहे हैं तो होली के रंगीन और खुशनुमा माहौल का हिस्सा बनने के लिए बाहर निकलें. रंगों से खेलने से आपका मूड अच्छा हो सकता है. खुशनुमा माहौल और मज़ेदार गतिविधियां आपको ख़ुशी महसूस करने में मदद कर सकती हैं.
बातचीत से दूर होगी नेगेटिविटी
दोस्तों, परिवार और नए लोगों के साथ होली खेलने से आपको बातचीत करने का मौका मिलता है. जब हर कोई चमकीले रंगों से सना हुआ होता है, तो एक-दूसरे के साथ बातचीत करना आसान हो जाता है. होली पर अनजान लोग भी घुल मिल जाते हैं लोग एक दूसरे से गिले शिकवे मिटा देते हैं, इससे अकेलापन दूर होता है.
हैप्पी हार्मोन को बढ़ावा देता है
होली खेलने, मिठाई खाने और एक साथ मौज-मस्ती करने से हैप्पी हार्मोन का उत्पादन होता है और यह मूड और माहौल को हल्का और खुशनुमा बनाने में मदद करता है.
कलर थेरेपी
रंग हमारे चारों ओर हर जगह हैं और हम पर गहरा मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और भावनात्मक प्रभाव डालते हैं. उदाहरण के लिए, लाल रंग अधिक स्थिरता लाता है जबकि नीला रंग एक्सप्रेशन और कम्युनिकेशन में मदद करता है और पीला रंग शक्ति और दृश्यता को बढ़ाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)