डरावने सपनों के आने का मतलब हो सकता है आर्थराइटिस जैसी बीमारी के संकेत- शोध में हुआ खुलासा

बता दें कि शरीर में किसी भी हिस्से पर इंफ्लामेशन होने पर रात में डरावने सपनों को आना बढ़ सकता है.

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आपके सपने बताते हैं आपकी बीमारी.

आप के साथ भी ऐसा होता होगा कि जब आप सोते होंगे तो आपको सपने आते होंगे. ये सपने कभी आपकी किसी याद से जुड़े हुए होते हैं या फिर आप जो सोचते हैं उस तरीके के. लेकिन क्या आपने कभी अपने सपने में सीरियल किलर को देखा है? ये सुनकर आपको हैरानी हो रही होगी. लेकिन एक शख्स है जिसको बीते पांच सालों से सीरियल किलर के सपने आ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार कनाडा के एक मरीज को बीते कुछ सालों से सीरियल किलर के सपने आ रहे हैं. सपने में वो कभी उनके पार पकड़ लेता है तो कभी हाथ. उससे बचने के लिए वो नींद में ही उससे बचते हैं. वहीं एक मरीज ने बताया कि सोते समय अक्सर उसके साथ होता है कि उसको कई बार ऐसा लगता है कि कोई आकर उसके ऊपर बैठ गया है जिस वजह से वो सांस नहीं ले पा रहा है.

बता दें कि कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और लंदन किंग्स कॉलेज ने हाल ही में पब्लिश हुई एक रिसर्च में पाया की रात में आने वाले डरावने समय मतिभ्रम जैसी समस्या आटोइम्यून डिसीज जैसे कि ल्यूपस, आर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. इस रिसर्च में 400 डॉक्टर्स का सर्वे और 800 मरीजों का इंटरव्यू शामिल है. बात करें डारावने सपने आने की तो बता दें कि कई बार ऐसे सपनों के आने का कारण एल्कोहल, कुछ दवाइयां, एंग्जाइटी और नींद की कमी भी हो सकती है. लेकिन ऐसे में ये सपने कभी-कभी आते हैं लेकिन ऑटोइम्यून बीमारियों में ऐसे सपने लगातार आते हैं जो कई सालों तक आते रहते हैं. 

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क्यों आते हैं डरावने सपने

बता दें कि शरीर में किसी भी हिस्से पर इंफ्लामेशन होने पर रात में डरावने सपनों को आना बढ़ सकता है. दरअसल जब शरीर में ये बड़ता है तो साइटोकाइन नाम का हार्मोन जो इसे बैलेंस करने की कोशिश करता है, वो REM स्लीप पर असर डालता है. REM स्लीप नींद की वो पोजीशम है, जिसमें सपने सबसे ज्यादा आते हैं. इसके अलावा शरीर में ऑटोइम्यून डिजीज की वजह से भी बढ़ने वाला इंफ्लामेशन का असर दिमाग पर पड़ता है. जिससे ब्रेन का नींद और सपनों को कंट्रोल करने वाला हिस्सा प्रभावित होने लगता है. 

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किस तरह की बीमारियों का खतरा ज्यादा 

लगातार डरावने सपने आना आपको कई बीमारियों के होने का संकेत दे सकता है. 

  • ल्यूपस, रूमेटाइड, आर्थराइटिस, स्जोग्रेन सिंड्रोम और सिस्टमैटिक स्केलेरोसिस हो सकते हैं. 
  • ल्यूपस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम हेल्दी टिशू पर हमला करना लगता है. यह ब्रेन, दिल, किडनी, लिवर और फेफड़े पर भी हमला कर सकता है. 
  • ऐसे ही स्जोग्रेन सिंड्रोम से भी जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न आती है.

बचाव

सपनों का आना आपकी मेंटल और फिजीकल हेल्थ दोनों पर निर्भर करता है. इनसे बचने के लिए आप अपने स्लीपिंग रूटीन को हेल्दी बना सकते हैं. इसके लिए सोने से एक घंटे पहले ब्रीदिंग करें, योग करें साथ ही रात में लाइट खाना खाएं. रोजाना 30-45 मिनट एक्सरसाइज तो अपने रूटीन में जरूर शामिल करें. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एक युवा व्यक्ति को नियमित रूप से हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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