H3N2 Virus In India: इन्फ्लुएंजा ए वायरस से बचाव करने के 7 आसान तरीके, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए ये निर्देश

एच3एन2 (H3N2) इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक सबटाइप है. यह पहली बार 2010 में अमेरिका में सूअरों में पहचाना गया था. बाद में 2012 में मनुष्यों में 12 तरह के संक्रमणों का पता चला और उसी साल कई एच3एन2 (H3N2) प्रकोपों ​​का पता चला.

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H3N2 Virus In India: एन3एन2 इन्फ्लूएंजा एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है.

Prevention Of H3N2 Influenza: एच3एन2 (H3N2) इन्फ्लुएंजा देश के कई हिस्सों में तेजी से फैल रहा है. रोगी फ्लू जैसे लक्षणों की रिपोर्ट कर रहे हैं जो लगभग 5 से 7 दिनों तक रहते हैं. मौसम का ठंडे से गर्म में अचानक बदलाव इस फ्लू के तेजी से फैलने का मुख्य कारण माना जा रहा है. खांसी, बुखार, ठंड लगना, मतली, उल्टी, गले में खराश, दस्त, नाक बहना और लगातार छींक आना एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के सामान्य लक्षण हैं. गंभीर मामलों में रोगी को सीने में तकलीफ, निगलने में कठिनाई और लगातार बुखार का अनुभव हो सकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई दिशानिर्देश दिए हैं जो आपको वायरस से संक्रमित होने से रोकने में मदद कर सकते हैं. आइए इन रोकथाम के तरीकों पर एक नजर डालें.

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एच3एन2 इन्फ्लुएंजा की रोकथाम के उपाय | H3N2 Influenza Prevention Measures

1) अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोकर या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करके हाइजीन बनाए रखें.

2) अपने चेहरे और नाक को छूने से बचें.

3) मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें

4) छींकते और खांसते समय अपना मुंह और नाक ढक लें

5) हाथ मिलाने जैसे निकट संपर्क से बचें

6) सार्वजनिक रूप से न थूकें

7) खूब पानी पिएं

स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी इस संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी है.

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H3N2 इन्फ्लुएंजा संक्रमित व्यक्ति से आसानी से फैल सकता है. हवा, सीधे संपर्क या सरफेस के जरिए संक्रमित बूंदें इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर कर सकती हैं.

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इस वायरस के जोखिम में कौन लोग हैं?

बच्चे, सीनियर सिटिजन, गर्भवती महिलाएं और पहले से मौजूद हेल्थ कंडिशन वाले लोगों को वायरस से संक्रमित होने का अधिक खतरा होता है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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