हिमाचल के कांगड़ा में 10 हफ्ते की बच्ची का H3N2 इन्फ्लुएंजा टेस्ट पॉजिटिव, ये लक्षण दिखने पर गए थे हॉस्पिटल

H3N2 Influenza: 10 हफ्ते की बच्ची का टेस्ट पॉजिटिव आया है, उसे खांसी, जुकाम और बुखार के इलाज के लिए शनिवार को टांडा मेडिकल कॉलेज लाया गया था."

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
हिमाचल प्रदेश में ढाई महीने की एक बच्ची में एच3एन2 की पुष्टि हुई है.
Shimla:

शिमला: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ढाई महीने की एक बच्ची में एच3एन2 संक्रमण पाया गया है. बच्ची का इलाज टांडा मेडिकल कॉलेज में चल रहा है. कांगड़ा के सीएमओ डॉ. सुशील शर्मा ने कहा, "एच3एन2 वायरस का पहला मामला हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पाया गया. 10 हफ्ते की बच्ची का टेस्ट पॉजिटिव आया है, उसे खांसी, जुकाम और बुखार के इलाज के लिए शनिवार को टांडा मेडिकल कॉलेज लाया गया था."

मौसमी इन्फ्लूएंजा एक तीव्र रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन है जो 4 अलग-अलग प्रकारों इन्फ्लुएंजा ए, बी, सी और डी के कारण होता है जो ऑर्थोमेक्सोविरिडे फैमिली से संबंधित है.

आज ही इस तरीके से स्किन और बालों पर इस्तेमाल करें मेथी के बीज, बूढ़ी स्किन दिखने लगेगी जवां और बाल मिलेंगे लंबे, घने

इन प्रकारों में इन्फ्लुएंजा ए मनुष्यों के लिए सबसे आम रोगजनक है. विश्व स्तर पर, इन्फ्लूएंजा के मामले आमतौर पर साल के कुछ महीनों के दौरान बढ़ते देखे जाते हैं. भारत में आमतौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा के दो पीक देखे जाते हैं: एक जनवरी से मार्च तक और दूसरा मानसून के बाद के मौसम में.

कब तक रहेगा इन्फ्लुएंजा का खतरा?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों में मार्च के अंत से कमी आने की उम्मीद है. ज्यादातर मामलों में, खांसी और सर्दी, शरीर में दर्द और बुखार आदि के लक्षणों के साथ रोग आमतौर पर एक हफ्ते के भीतर ठीक हो जाता है.

कार में सफर के दौरान आती है उल्टी, तो अपनाएं ये उपाय, पल भर में मिलेगी राहत

ये लोग रहें ज्यादा सचेत:

हालांकि, संभावित रूप से हाई रिस्क वाले ग्रुप जैसे कि शिशु, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और गंभीर बीमारी वाले लोग इसके संपर्क में अधिक आ सकते हैं जिनको अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत हो सकती है.

Advertisement

इन बातों का रखें ध्यान:

खांसी और छींक की बड़ी बूंदों के जरिए रोग का ट्रांसमिशन व्यक्ति-से-व्यक्ति तक एयर में होता है. ट्रांसमिशन के अन्य तरीकों में दूषित वस्तु या सतह (फोमाइट ट्रांसमिशन) को छूकर और हैंडशेकिंग सहित निकट संपर्क शामिल है.

यहां जानिए उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए आपका वजन....

इन्फ्लुएंजा के लिए दवा:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओसेल्टामिविर को संक्रमण के इलाज के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सुझाई गई दवा के रूप में निर्धारित किया है.

Advertisement

"दवा पब्लिक हेल्थ सिस्टम के जरिए मुफ्त में उपलब्ध कराई गई है. सरकार ने व्यापक पहुंच और उपलब्धता के लिए फरवरी 2017 में दवा और कॉस्मेटिक अधिनियम की अनुसूची एच 1 के तहत ओसेल्टामिविर की बिक्री की अनुमति दी है."

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: Prashant Kishor की 2nd Second Candidate List Decode!
Topics mentioned in this article