ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है उत्तानासन, स्ट्रेस और एंग्जायटी को भी कम करता है, जानें इसके फायदे और करने का सही तरीका

Benefits Of Uttanasana: उत्तानासन न सिर्फ शरीर को लचीला बनाता है बल्कि स्ट्रेस को भी कम करता है. इसे सही तकनीक से करने पर यह पूरे शरीर के लिए फायदेमंद साबित होता है. अगर आप अपने दिनचर्या में इसे शामिल करेंगे, तो आपको बेहतर मेंटल और फिजिकल हेल्थ मिलेगी.

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Benefits Of Uttanasana: जानिए उत्तानासन करने के फायदे.

Benefits Of Uttanasana: योग शरीर और मन को संतुलित रखने का एक असरदार तरीका है. इसमें कई आसन होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. उन्हीं में से एक है उत्तानासन, जिसे "फॉरवर्ड बेंड" भी कहा जाता है. यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है, ब्लड सर्कुलेशन स्मूद करता है और पाचन तंत्र को मजबूत करता है. अगर इसे सही तरीके से किया जाए, तो यह पूरे शरीर के लिए फायदेमंद होता है. आइए जानते हैं इसके फायदे और सही तरीका.  

उत्तानासन के फायदे (Benefits Of Uttanasana)

1. रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है -
यह आसन कमर और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लाकर उन्हें मजबूत और लचीला बनाता है.  

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2. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है-  
जब शरीर नीचे की ओर झुकता है, तो सिर और चेहरे तक ब्लड का फ्लो बढ़ता है, जिससे स्किन में निखार आता है और ब्रेन को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है.  

3. स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम करता है -
यह आसन शरीर को रिलैक्स करता है, जिससे स्ट्रेस और मेंटल प्रेशर कम होता है. नियमित अभ्यास से एंग्जायटी और डिप्रेशन की समस्या में राहत मिल सकती है.  

4. पाचन तंत्र मजबूत बनाता है -
पेट की ओर दबाव पड़ने से आंतें सक्रिय होती हैं, जिससे पाचन शक्ति बेहतर होती है और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है.  

5. हैमस्ट्रिंग और पैरों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है -

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यह आसन पैरों की जकड़न को दूर करता है और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है. खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं.  

उत्तानासन करने का सही तरीका -

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1. शुरुआत सही मुद्रा से करें  
- पैरों को एक-दूसरे के समानांतर रखें और शरीर को सीधा रखें.  
- सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं.  

2. आगे की ओर झुकें  
- सांस छोड़ते हुए कमर से आगे झुकें.  
- घुटनों को हल्का मोड़ सकते हैं, ताकि पीठ पर ज्यादा दबाव न पड़े.  
- हाथों को पैरों के पास जमीन पर रखने की कोशिश करें. यदि संभव न हो, तो टखनों या पिंडलियों पर रख सकते हैं.  

3. सिर और गर्दन को रिलैक्स करें  
- गर्दन और सिर को ढीला छोड़ दें, ताकि शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो सके.  
- पेट को अंदर की ओर खींचें और गहरी सांस लेते रहें.  

4. वापस सामान्य स्थिति में आएं  
- धीरे-धीरे सांस लेते हुए ऊपर उठें.  
- कमर को सीधा करें और हाथों को फिर से ऊपर उठाएं.  
- फिर धीरे से हाथों को नीचे लाएं और शरीर को सामान्य अवस्था में लाएं.  

सावधानियां और जरूरी बातें  
- अगर पीठ में दर्द है, तो घुटनों को थोड़ा मोड़कर यह आसन करें.  
- हाई ब्लड प्रेशर, सर्वाइकल या गंभीर पीठ दर्द होने पर पहले डॉक्टर से सलाह लें.  
- सुबह खाली पेट यह आसन करना ज्यादा फायदेमंद होता है.  

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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