जिन भी लोगों की नींद सुबह 3 से 5 बजे के बीच पेशाब जाने को खुलती हैं, Premanand जी से जानिए इसके पीछे का रहस्य

प्रेमानंद जी कहते हैं कि यह समय हमारे शरीर और मन को शुद्ध करने और सकारात्मक ऊर्जा से भरने का सुनहरा अवसर होता है.

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आयुर्वेद के अनुसार, सुबह 2 से 6 बजे के बीच का समय 'वात' दोष से जुड़ा होता है.

Premanad ji maharaj : हाल ही में, प्रेमानंद महाराज जी ने जिन भी लोगों की नींद सुबह 3 से 5 बजे के बीच पेशाब जाने के लिए खुलती है, इसको लेकर बड़ी ही दिलचस्प बात कही है, जिसे सुनकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने बताया है कि सुबह 3 से 5 बजे के बीच का समय सिर्फ पेशाब जाने का समय नहीं होता, बल्कि यह एक बहुत ही खास और पवित्र समय होता है.

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प्रेमानंद जी का क्या कहना है?

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, सुबह 3 से 5 बजे के बीच का समय "ब्रह्म मुहूर्त" कहलाता है. यह वो समय होता है जब प्रकृति में एक अलग ही तरह की ऊर्जा होती है, जो आध्यात्मिक साधना और ध्यान के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है. वे कहते हैं कि अगर आपकी नींद इस समय खुलती है, तो इसे सिर्फ एक शारीरिक जरूरत न समझें, बल्कि इसे एक संकेत मानें.

महाराज जी बताते हैं कि इस समय हमारी आत्मा बहुत जागरूक होती है और यह समय हमें ईश्वर से जुड़ने का एक मौका देता है. उनका मानना है कि जब हम इस समय उठते हैं, तो बाथरूम से आने के बाद, कुछ देर बैठकर भगवान का स्मरण करना चाहिए, मंत्र जाप करना चाहिए या सिर्फ शांति से आंखें बंद करके अपनी सांसों पर ध्यान देना चाहिए. अपने आस-पास की चीजों को महसूस करना चाहिए. 

क्या करें जब सुबह 3 से 5 बजे के बीच नींद खुले?

प्रेमानंद जी सुझाव देते हैं कि जब भी आपकी नींद इस समय में खुले, तो इसे वरदान की तरह समझें. आलस न करें और तुरंत बिस्तर छोड़ दें, कुछ देर शांत होकर बैठें, आप भगवान का नाम ले सकते हैं, कोई मंत्र जाप कर सकते हैं, अपने पूर्वजों को याद कर सकते हैं (उनसे प्रार्थना करें हे पूर्वजों हमपर अपनी कृपा बनाए रखें और मैंने कोई गलती की है तो उसके लिए माफ करें), या बस अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. आप अपनी सांसों को ब्रह्म मुहूर्त की पवित्र ऊर्जा की तरह समझें उसे महसूस करें. 

प्रेमानंद जी का मानना है कि ऐसा करने से न केवल आपको मानसिक शांति मिलेगी, बल्कि आपकी आध्यात्मिक यात्रा में भी प्रगति होगी. वे कहते हैं कि यह समय हमारे शरीर और मन को शुद्ध करने और सकारात्मक ऊर्जा से भरने का सुनहरा अवसर होता है.

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मेडिकल कारण भी हो सकता है ?

ये तो बात हो गई आध्यात्म की लेकिन इसके पीछे वजह  'नॉकचुरिया' (Nocturia) बीमारी भी हो सकती है. ये परेशानी किसी को भी हो सकती है, लेकिन 50 साल के बाद ये ज्यादा आम हो जाती है. 50 के बाद पुरुषों में ये ज्यादा देखने को मिलती है, जबकि 50 से पहले महिलाओं में इसके मामले अधिक होते हैं. 30 साल से ज्यादा उम्र के हर 3 में से 1 व्यक्ति को ये समस्या होती है.

लक्षण 

  • रात में दो या उससे ज़्यादा बार पेशाब के लिए उठना.
  • अगर 'पॉलीयूरिया' (Polyuria) की समस्या है, तो रात में पेशाब की मात्रा भी ज्यादा हो सकती है.
  • दिन भर थकान और नींद आना, क्योंकि बार-बार उठने से नींद का चक्र बिगड़ जाता है.
     

बार-बार पेशाब होती क्यों है

नॉकचुरिया के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य हैं और कुछ गंभीर बीमारियों का संकेत देते हैं. उम्र बढ़ना इसका एक बड़ा कारण है. जैसे-जैसे हम बूढ़े होते हैं, हमारा शरीर एंटी-ड्यूरेटिक हार्मोन (ADH) कम बनाने लगता है. ये वो हार्मोन है जो रात में पेशाब को कम करने में मदद करता है.

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इसके अलावा, ब्लैडर की समस्या, प्रोस्टेट की समस्या, डायबिटीज, हार्ट फेलियर, किडनी की बीमारी, कुछ दवाएं, जैसे ड्यूरेटिक्स (पानी निकालने वाली दवाएं), भी नॉकचुरिया का कारण बन सकती हैं और रात में सोने से पहले बहुत ज़्यादा पानी पीने से भी हो सकता है.
 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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