गर्मियों में फूड प्वाइजनिंग से रहें सतर्क, जानिए किस वजह से होती है ये दिक्कत, लक्षण, कारण और राहत पाने के घरेलू नुस्खे

Food Poisoning: फूड प्वाइजनिंग एक गंभीर समस्या बन सकती है. खासकर गर्मियों में ये पेट की दिक्कत काफी आम है. यहां हमने फूड प्वाइजनिंग के लक्षण, कारण और राहत पाने के लिए घरेलू उपाय बताए हैं.

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What Is Food Poisoning: फूड प्वाइजनिंग एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है. फूड प्वाइजनिंग जिसे फूडबोर्न डिजीज भी कहा जाता है. ये पेट की समस्या दूषित भोजन या पेय के सेवन से होती है. यह दिक्कत गर्मियों में ज्यादा होती है जब खाने पीने की चीजें जल्दी खराब हो जाती हैं. यह बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या उनके टॉक्सिन्स के कारण हो सकता है, लेकिन सही जानकारी और सावधानियों को अपनाकर इससे बचा जा सकता है. हाइजीन, हेल्दी डाइट, सही तरीके से खाना पकाना इस समस्या से बचने के प्रभावी उपाय हो सकते हैं. यहां हम फूड प्वाइजनिंग के कारण, लक्षण और इससे बचाव के उपायों के बारे में बता रहे हैं...

फूड प्वाइजनिंग के कारण (Causes of Food Poisoning)

1. बैक्टीरिया: सैल्मोनेला, लिस्टेरिया और कैंपिलोबैक्टर जैसे बैक्टीरिया फूड प्वाइजनिंग के मुख्य कारण हैं. ये जीवाणु अक्सर कच्चे मांस, अधपके अंडे, दूषित पानी और बिना धोए सब्जियों में पाए जाते हैं.

2. वायरस: नोरोवायरस और हेपेटाइटिस ए जैसे वायरस भी फूड प्वाइजनिंग के सामान्य कारण होते हैं. ये संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या दूषित फूड के सेवन से फैल सकते हैं.

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3. पैरासाइट्स: कुछ प्रकार के परजीवी दूषित पानी या भोजन के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.

4. विषाक्त पदार्थ: कुछ फूड्स जैसे कि जहरीले मशरूम या दूषित मछली, प्राकृतिक विषाक्त पदार्थों के कारण फूड प्वाइजनिंग का कारण बन सकते हैं. 

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 फूड प्वाइजनिंग के लक्षण (Food Poisoning Symptoms)

उल्टी और मतली: फूड प्वाइजनिंग के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है.
दस्त: बार-बार दस्त लगना और पेट में क्रैम्प्स.
बुखार: हल्का से लेकर तेज बुखार हो सकता है.
मांसपेशियों में दर्द: कमजोरी और थकान महसूस होना.
सिरदर्द: मामूली से लेकर गंभीर सिरदर्द हो सकता है.

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फूड प्वाइजनिंग से बचाव के उपाय (How To Prevent Food Poisoning)

स्वच्छता: खाना पकाने से पहले और बाद में हाथ धोने की आदत डालें.
भोजन को सही तरीके से पकाना: खाने को अच्छे से पकाना भी फूड प्वाइजनिंग से बचने का एक तरीका है.
सही स्टोरेज: बचे हुए भोजन को फ्रिज में सही तापमान पर रखें और समय पर उपयोग करें.
ताजगी का ध्यान रखें: फल और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही उपयोग में लाएं.
संक्रमित व्यक्तियों से दूरी: संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें और उनकी इस्तेमाल की गई चीजों को भी स्वच्छ रखें.

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फूड प्वाइजनिंग से बचाव के उपाय (Food Poisoning Treatment)

फूड प्वाइजनिंग का उपचार आमतौर पर घर पर ही किया जा सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है:

लिक्विड का सेवन: डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खूब पानी पिएं.
आराम: शरीर को आराम दें और थोड़ी देर के लिए ठोस भोजन से परहेज करें.
ओआरएस: शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने के लिए ओआरएस का सेवन करें.

फूड प्वाइजनिंग से राहत पाने के घरेलू उपाय | Home Remedies To Get Relief From Food Poisoning

1. अदरक

अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो पाचन तंत्र को शांत करने और संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं. एक कप पानी में कुछ अदरक के टुकड़े डालें और इसे 10 मिनट तक उबालें. इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं और दिन में दो से तीन बार पिएं.

2. सेब का सिरका

सेब का सिरका पेट के पीएच स्तर को संतुलित करता है और पाचन में सहायता करता है. एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं. इसे भोजन से पहले या भोजन के बाद पिएं.

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3. नींबू

नींबू में विटामिन सी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो बैक्टीरिया को मारने और पाचन को सुधारने में मदद करते हैं. एक गिलास गर्म पानी में आधे नींबू का रस मिलाएं. इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार पिएं.

4. दही

दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं और संक्रमण को कम करते हैं. एक कटोरी ताजे दही का सेवन करें. आप इसमें थोड़ा सा नमक और जीरा पाउडर मिलाकर भी खा सकते हैं.

5. तुलसी

तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट के संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं. तुलसी के पत्तों का रस निकालें और इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं. इसे दिन में तीन बार पिएं.

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6. पुदीना

पुदीना पाचन तंत्र को शांत करता है और उल्टी और मिचली को कम करता है. पुदीना की चाय बनाएं और इसे धीरे-धीरे पिएं. पुदीना के पत्तों को चबाना भी लाभकारी हो सकता है.

7. नारियल पानी

नारियल पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करता है. दिन में कई बार ताजे नारियल पानी का सेवन करें.

8. केला

केला पेट की परत को कोट करता है और दस्त को कम करने में मदद करता है. एक या दो पके केले का सेवन करें. केले को दही के साथ भी खा सकते हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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