रोजाना खाएं ये 3 चीजें, कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा पॉल्यूशन, फेफड़े बनेंगे लोहे जैसे स्‍टॉन्‍ग, बचेंगे एयर प्यूरीफायर के पैसे!

दिवाली के बाद देश के कई शहरों में एयर पॉल्यूशन काफी बढ़ गया है. इस समस्या का हल कुछ खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हैं, जो हमें पौल्यूशन के खतरनाक असर से काफी हद तक बचाने और सेहत बनाए रखने में मदद कर सकती हैं.

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Ayurvedic Herbs To Improve Lung Health: बढ़ते एयर पॉल्यूशन से है सेहत को गंभीर खतरा, इन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां से फेफड़े रहेंगे स्वस्थ, देखें लिस्ट

Ayurvedic Herbs To Improve Lung Health Amid Poor Air Quality: दिवाली के बाद देश के कई शहरों में एयर पॉल्यूशन काफी बढ़ गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिवाली के अगले दिन 230 में से केवल 3 शहरों की हवा अच्छी श्रेणी में दर्ज की गई थी. देश की राजधानी दिल्ली में पॉल्यूशन लगातार बेहद ‘गंभीर' (Poor Air Quality) श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार इस समस्या का हल कुछ खास आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां (Ayurvedic Herbs) हैं, जो हमें पॉल्यूशन के खतरनाक असर से काफी हद तक बचाने और सेहत (Health) बनाए रखने में मदद कर सकती हैं.आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही जड़ीबूटियों के बारे में…

एयर पॉल्यूशन में लंग की सेहत को बेहतर रखने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां (Ayurvedic Herbs for better Lung Health in Poor Air Quality)

तुलसी (Tulsi) : तुलसी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है. जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन  के अनुसार तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है. इससे टीबी, निमोनिया और अन्य बीमारियों के इंफेक्शन से बचाव होता है. यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होने के कारण खांसी, सर्दी और अस्थमा जैसी सांस की बीमारियों के लक्षणों को कम करती है. यह भी पढ़ें : क्‍या Homemade Wax हमेशा के लिए हटा सकती हैं अनचाहे बाल! 3 मिनट में बनाएं 3 तरह की वैक्‍स, जब मन करे स्‍लीवलेस पहनें

मालाबार नट्स (Malabar Nuts) : मालाबार नट्स एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है. इसका उपयोग अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. मालाबार नट्स फेफड़ों की चोट, थ्रोम्बोसिस और फाइब्रोसिस को कम करता है. इसका उपयोग करने के लिए 30 मिलीलीटर गर्म पानी में 30 मिलीलीटर मालाबार नट्स का रस मिलाकर खाली पेट या रात के खाने के आधे घंटे बाद पीना चाहिए.

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मुलेठी और हल्दी (Mulethi And Turmeric) : मुलेठी और हल्दी अपने सूजन कम करने के गुणों और इम्यून सिस्टम बूस्टर होने के कारण पॉल्यूशन के प्रभाव को कम करने में मदद करती है. जर्नल एक्टा फार्माकोलोगिका सिनिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मुलेठी की जड़ में पाए जाने वाले ग्लाइसीराइज़िन नामक यौगिक में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-एलर्जी और एंटीवायरल गुण होते हैं. ये फेफड़ों की पुरानी बीमारी अस्थमा के इलाज में मदद कर सकते हैं. हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो अपने सूजन कम करने, एंटीऑक्सीडेंट और कफ निकालने के गुणों के लिए जाना जाता है. यह भी पढ़ें : बालों को लंबा कैसे करें? 1 महीने में बाल बढ़ाने हैं तो अपनाएं ये ट‍िप्‍स, हेयर एक्‍सटेंशन को भूल जाएंगे...

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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