Skin Cancer: स्किन कैंसर कई प्रकार के होते हैं, जिसमें सबसे दुर्लभ, लेकिन सबसे खतरनाक मेलेनोमा (Melanoma) होता है. आखिर क्या है मेलेनोमा स्किन कैंसर? यह कैसे होता है और इसके लक्षण क्या हैं(Melanoma ke lakshan). इस लेख में हम आपको इसके बारे में बताएंगे. साथ ही इस स्किन कैंसर के लिए कुछ गाइडलाइन के बारे में भी बताएंगे, जिससे आप इस बीमारी की अच्छे से जांच कर सकें. इन गाइडलाइन से आप शरीर पर होने वाले तिल, मस्से और आदि दाग धब्बों से पता कर सकेंगे कि यह स्किन कैंसर का टाइप तो नहीं है. आखिर में इसका क्या इलाज है इसके बारे में भी बताएंगे.
क्या है मेलेनोमा? (What is Melanoma)
मेलेनोमा एक ऐसा स्किन कैंसर है, जो शरीर में सबसे तेजी से फैलता है. इसे काला ट्यूमर भी कहते हैं. यह शरीर के किसी भी अंग में फैल सकता है. यह मेलानोसाइट्स नामक त्वचा कोशिकाओं से पनपता है. मेलेनोमा का रंग ज्यादातर काला और भूरा होता है. वहीं, इनका रंग गुलाबी, बैंगनी, लाल और स्किन कलर का भी होता है. मेलेनोमा 30 फीसदी तक शरीर पर मौजूद तिल-मस्सों से पैदा होते हैं. बाकि नॉर्मल स्किन में पनपते हैं. लेकिन यह बात ध्यान देने वाली है कि ज्यादातर मेलेनोमा तिल या मस्सों से नहीं पनपते हैं. अगर शरीर पर कुछ निम्नलिखित साइन नजर आते हैं, तो इसे नजर अंदाज ना करें, क्योंकि समय रहते इसका पता चलने पर 99 फीसदी इलाज संभव है. आइए जानते हैं मेलेनोमा की ABCDE.
शरीर पर इन निशान को ना करें इग्नोर (ABCDE Guidelines for Melanoma)
विषमता (Asymmetry)
मेलेनोमा को पहचाने के लिए शरीर पर मौजूद दाग अगर गोल है, तो समस्या की बात नहीं है, यह इसका आकार गोल ना होकर विषम (Asymmetry) है, तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप कराएं.
सीमा (Border)
शरीर पर इन निशानों पर जरूर ध्यान देते रहें. यह देखें कि यह शरीर पर आम मस्से या तिल से अलग अपना दायरा तो नहीं बढ़ा रहा है, अगर ऐसा है तो वह मेलेनोमा कैंसर का संकेत है.
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रंग (Color)
इन दागों के रंग पर भी ध्यान दें. यह देखें कि अपने विस्तार के साथ-साथ इनका रंग भी बदल रहा है या नहीं. अगर शरीर पर मौजूद इस तरह के दाग काले रंग में बदल रहा है तो वह काला ट्यूमर भी हो सकता है.
व्यास (Diameter)
तिल या मस्सा का व्यास या कहें साइज 6 MM (1/4 इंच) होता है. अगर इसका साइज इससे ज्यादा है तो यह काला ट्यूमर का संकेत है.
उभरना (Evolving)
मेलेनोमा को पहचाने का एक तरीका यह भी है कि समय-समय पर यह ध्यान दें कि इसके साइज, शेप, रंग में कोई बदलाव आ रहा है. क्या इसमें खुजली, जलन या ब्लीडिंग की समस्या तो नहीं हो रही है. अगर ऐसा कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करे.
मेलेनोमा होने के कारण (Causes Of Melanoma)
मेलेनोमा सूर्य की पराबैंगनी किरणों से होता है, जिससे हमारी स्किन पर प्रभावित होती है. इन किरणों से स्किन पर काले तिल की तरह दाग उभरने लगते हैं और देखते ही देखते यह अपना विस्तार करने लगते है. मेलेनोमा एक आनुवंशिक बीमारी भी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी फैलती रहती है. शुरुआत में ही इसका पता चलने पर इलाज संभव है, वहीं, इसे नजरअंदाज करने पर यह जानलेवा कैंसर में बदल सकता है.
अन्य कारण
अधिक समय तक धूप में रहना
गोरी त्वचा, सुनहरे या लाल बाल और नीली आंखें
अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर लगातार रहने से
मेलेनोमा का इलाज (Melanoma Treatment)
सर्जरी- मेलेनोमा का इलाज इसके विकसित होने पर निर्भर करता है. वैसे, मेलेनोमा के लिए खासतौर पर सर्जरी की जाती है, जिसमें दाग वाली स्किन को काटकर निकाला जाता है.
लिम्फैडेनेक्टॉमी- इस प्रक्रिया में मेलेनोमा को फैलने से रोकने के लिए दाग के पास से लिम्फ नोडस् को निकाला जाता है.
मास्टेक्टॉमी- इसमें शरीर के अंगों से मेलेनोमा के निशानों को हटाया जाता है.
कैंसर थेरेपी- इस ट्रीटमेंट में मेलेनोमा की कैंसर कोशिकाओं को दवाइयों से खत्म किया जाता है. यह दवाई सिर्फ कैंसर कोशिकाओं पर अटैक कर उन्हें खत्म करने का काम करती हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)