Explainer: Can heatwave be deadly? भीषण गर्मी और हीटवेव लोगों की सेहत ही नहीं बल्कि जान के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रही है. बेहद बढ़े हुए तापमान के संपर्क में आने से सिर्फ और सिर्फ नुकसान की नौबत आती है. हीटवेव यानी लू के कारण हर साल बहुत से लोग अपनी जान गंवा देते हैं. इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि तपती धूप के दौरान खुद को कैसे सुरक्षित रखना चाहिए. भीषण गर्मी में बाहर निकलना शरीर और दिमाग पर खामोशी से काफी खतरनाक असर डाल सकता है.
हीट स्ट्रोक में फौरन मेडिकल केयर की जरूरत
एक्सपर्ट के मुताबिक, 45°C (113°F) से ऊपर के तापमान के संपर्क में आने से मानव शरीर पर गंभीर और जानलेवा असर पड़ सकता है. ऐसे हाई टेम्परेचर में लंबे समय तक रहने से हीट स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है. इसके लिए फौरन मेडिकल केयर की जरूरत होती है.
क्योंकि इससे चेतना गुम हो सकती है और कभी-कभी दौरे भी पड़ सकते हैं. पहले से हृदय रोग से पीड़ित लोगों को हीटवेव के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. क्योंकि यह हृदय के पूरा कामकाज को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है.
शरीर पर हीटवेव के पांच बड़े और बुरे असर (Five big and bad effects of heatwave on the body)
मेडिकल एक्सपर्ट शरीर पर हीटवेव के पांच बड़े असर के बारे में बताते हैं, जिन पर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है.
पहला, है गर्मी से होने वाली थकावट जिसमें गर्मी से जुड़ी बीमारी के लक्षणों में ज्यादा पसीना, कमजोरी, चक्कर आना, मतली, सिरदर्द और मांसपेशियों में ऐंठन शामिल हैं. अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह हीट स्ट्रोक में बदल सकता है.
दूसरा, असर है लू लगना, इतने ऊंचे तापमान पर, हमारा शरीर अपने आंतरिक तापमान को कंट्रोल करने में सक्षम नहीं होता है जिससे हीट स्ट्रोक होता है. इसके लक्षणों में शरीर का उच्च तापमान (40°C या 104°F से ऊपर), भ्रम, बेहोशी और कभी-कभी दौरे शामिल हैं. फौरन इलाज के बिना हीट स्ट्रोक से मरीज की जान जा सकती है.
तीसरा, असर होता है डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण. जिसमें उल्टी-दस्त जैसी दिक्कत शामिल है.
चौथे नंबर पर, हार्ट से जुड़ी समस्याएं होती हैं. भीषण गर्मी हृदय पर अतिरिक्त तनाव डालती है क्योंकि यह शरीर को ठंडा करने के लिए अधिक मेहनत करता है. यह विशेष रूप से पहले से हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है. इससे दिल के दौरे, स्ट्रोक और हृदय संबंधी दूसरी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.
इसके बाद स्किन को होने वाले गंभीर नुकसान का पांचवा नंबर है. तेज धूप और बढ़े तापमान से सनबर्न होता है. वहीं, यूवी विकिरण के कारण समय के साथ स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.
हीटवेव से मस्तिष्क और दूसरे अंगों को नुकसान (Heat wave causes damage to brain and other organs)
हीटवेव एक शारीरिक तनाव पैदा करती है, जिससे कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है. यह किसी के शरीर के तापमान को तेजी से बढ़ा सकता है जो मस्तिष्क और दूसरे प्रमुख अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए, हमारे लिए यह जरूरी है कि हम हीटवेव के हानिकारक प्रभावों से सुरक्षित रहें और किसी भी लक्षण के मामले में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
जैसे-जैसे भीषण गर्मी बढ़ती जा रही है, हम सबको अपना और अपने परिवार का ख्याल रखने के लिए कई बातों को ध्यान में रखने की सख्त जरूरत है. आइए, ढेर सारे मेडिकल एक्सपर्ट के बताए निर्देशों के मुताबिक जानते हैं कि इसके लिए क्या करें और क्या न करें.
हीटवेव के दौरान क्या न करें (What not to do during heatwave)
• अगर बहुत आवश्यक न हो तो दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर न निकलें.
• तापमान अधिक होने पर शारीरिक मेहनत वाली गतिविधियां न करें.
• शराब, कॉफी और चाय जैसे शरीर को डिहाइड्रेट करने वाले पेय पदार्थों का सेवन न करें।
• प्रोटीन युक्त या बासी भोजन न करें.
• अपने पालतू जानवरों या बच्चों को कार में बंद करके न छोड़ें.
हीटवेव के दौरान क्या-क्या करें (What to do during heatwave)
• प्यास न लगने पर भी समय-समय पर खुद को हाइड्रेट करते रहें.
• खुद को बार-बार हाइड्रेट करने के लिए ओआरएस के अलावा तरबूज जैसे फल, घर पर बने पेय जैसे नींबू पानी, लस्सी और छाछ का सेवन करें.
• ठंडे पानी से स्नान करें और अपने घर को ठंडा रखें. दिन के दौरान शटर, सनशेड और पर्दों का इस्तेमाल करें और रात में अपनी खिड़कियां खुली रखें.
• हल्के रंग के, ढीले, हल्के वजन वाले कपड़े पहनें. धूप में बाहर जाने से पहले सुरक्षा से जुड़े सामान जैसे चश्मा, टोपी, छाता, जूते और चप्पल का भी उपयोग करें।
• अपने सिर और दूसरे अंगों पर गीले कपड़े की मदद से खुद को ठंडा रखें. सीधी धूप और गर्मी से बचें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)