Prevention Of Dry Eye Syndrome: इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल के इस्तेमाल के कारण हमारे काम में जितनी सहूलियत बढ़ी है, उतनी ही तेजी से शारीरिक समस्याएं भी बढ़ रही हैं. दरअसल लंबे समय तक लगातार आंखें गड़ाकर कंप्यूटर या लैपटॉप या फिर मोबाइल स्क्रीन पर देखने से आंखों से जुड़ी कई परेशानियां बढ़ रही हैं. ड्राई आई सिंड्रोम भी ऐसी ही एक परेशानी है. इस सिंड्रोम में आंखों में सूखेपन का अहसास होने लगता है.
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आंखें ड्राई तब हो जाती है, जब आंखों के आंसू बहुत जल्दी इवैपोरेटर हो जाते हैं या फिर आंसुओं का निर्माण ही बहुत कम होता है. आमतौर पर आंखें हर वक्त आंसुओं का निर्माण करती हैं, यह लगातार फ्लूइड से ढकी रहती हैं, जिसे 'टियर फिल्म' कहा जाता है. जब भी हम पलक झपकाते हैं, ये स्थित रहते हैं. इससे आंखें ड्राई नहीं हो पाती हैं और विजन क्लीयर रहता है. अगर टियर ग्रंथियां कम आंसू पैदा करती हैं, तो टियर फिल्म के अस्थिर होने की संभावना होती है. जब आंसू बहुत कम बनते हैं तो आंखें ड्राई हो जाती हैं. आइए जान लें कि ड्राई आई के क्या-क्या लक्षण हैं और आपको कब सावधान हो जाने की जरूरत है.
ड्राई आई सिंड्रोम के लक्षण | Symptoms Of Dry Eye Syndrome
- आपकी आंखों में जलन और चुभन जैसा फील होना.
- आंखों का लाल हो जाना, आंखों के अंदर कुछ चला गया हो, ऐसा फील होना.
- लाइट के प्रति संवेदनशीलता.
- कॉन्टैक्ट लेंस पहनने में समस्या आना.
- रात के समय देखने में परेशानी महसूस करना.
- सोकर उठने पर आंखों की पलकों का चिपक जाना
- आंखों से पानी गिरना.
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ड्राई आई सिंड्रोम से निजात पाने के उपाय | Remedies To Get Rid Of Dry Eye Syndrome
- कमरे का टेम्प्रेचर हमेशा सामान्य बनाए रखें.
- गर्म हवा से आंखों को बचाने के लिए रैप अराउंड ग्लास का यूज करें.
- कंप्यूटर, टीवी, मोबाइल, देखते समय पलकों को अधिक तेजी से झपकाएं.
- धूम्रपान कम करें, साथ ही स्मोकिंग कर रहे लोगों के पास खड़े न रहें.
- आर्टिफिशियल टियर्स या फिर आई ड्रॉप्स का यूज करें.
- आंखों की साफ-सफाई का भी ध्यान रखना चाहिए.
- अपनी डाइट में ओमेगा-3 और 6 फैटी एसिड्स को जरूर शामिल करें. फिश ऑयल, अखरोट, अलसी का बीज, सोयाबीन, जैतून का तेल जैसी चीजों को आहार का हिस्सा बनाएं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.