उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में चौकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टरों ने आपरेशन के दौरान गर्भवती महिला के बच्चेदानी के साथ ही पेशाब की नली में भी टांके लगा दिए था. तब से वह जिंदगी और मौत के बीच लड़ रही थी. महिला के किडनी और बच्चेदानी में इंफेक्शन फैल गया. इलाज कराने के बाद भी महिला की जान नहीं बचाई जा सकी. बुधवार की सुबह वह जिंदगी की जंग हार गई.
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अस्पताल का लाइसेंस कर दिया गया निरस्त:
रिपोट्स के मुताबिक, पेशाब नली को सिलने की शिकायत 18 मार्च को परिजनों ने सीएमओ और आई.जी.आर.एस. के पोर्टल पर की गई थी. जब जांच हुई तो पता चला कि उक्त अस्पताल का केवल ओपीडी व आईपीडी का रजिस्ट्रेशन है, ऑपरेशन और मरीज भर्ती करने का नही है. लिहाजा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उक्त अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया और यहां के डॉक्टरों को पीड़ित मरीज से संबंधित सभी डॉक्युमेंट्स के साथ सीएमओ ऑफिस में तीन दिन के भीतर उपस्थित होने को कहा गया. इसके बावजूद भी कोई डॉक्टर सीएमओ दफ्तर नहीं पहुंचा और स्वास्थ्य विभाग भी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहा.
आनन फानन में गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में कराया था भर्ती:
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के बघौचघाट थाना क्षेत्र के मुंडेरा पांडेय पुर निवासी संध्या पटेल (30) को 19 जनवरी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने पथरदेवा कस्बे के आस्था हॉस्पिटल में भर्ती कराया. वहां आपरेशन से एक बच्ची का जन्म हुआ. आपरेशन के बाद डाक्टरों द्वारा प्रसूता की बच्चेदानी में टांका लगाने के दौरान पेशाब नली भी सिल दिया गया. पेशाब नली सिल जाने से प्रसूता की तबियत बिगड़ गई. परिजनों ने आनन फानन में गोरखपुर शहर के एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया. वहां डाक्टरों ने बताया कि आपरेशन के दौरान पेशाब नली सिल जाने से महिला की दोनों किडनियां संक्रमित हो गई हैं.
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