डॉक्टरों ने एक साल के बच्चे के होठों से निकाला ट्यूमर, नई तकनीक की मदद से की गई सर्जरी

एक साल के बच्चे की सर्जरी के साथ ही संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज दुनिया के उन गिने-चुने केंद्रों में से एक बन गया है, जहां वैस्कुलर मालफॉर्मेशन के इलाज की यह एडवांस सुविधा है.

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बच्चा ऊपरी होंठ पर एक बड़े वैस्कुलर ट्यूमर के साथ पैदा हुआ था.

लखनऊ में संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों ने हार्मोनिक स्केलपेल का उपयोग कर होठों पर जन्मजात वैस्कुलर ट्यूमर से पीड़ित एक बच्चे का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया है. हार्मोनिक स्केलपेल एक सर्जिकल उपकरण है जिसका उपयोग टिशू को एक साथ काटने के लिए किया जाता है. इस उपकरण का पिछले एक साल से सर्जरी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

एक साल के बच्चे की सर्जरी के साथ ही संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज दुनिया के उन गिने-चुने केंद्रों में से एक बन गया है, जहां वैस्कुलर मालफॉर्मेशन के इलाज की यह एडवांस सुविधा है.

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क्या था पूरा मामला?

जौनपुर निवासी आयुष यादव नामक मरीज को जिला अस्पताल से एसजीपीजीआइएमएस में रेफर किया गया था. बता दें कि यह बच्चा ऊपरी होंठ पर एक बड़े वैस्कुलर ट्यूमर के साथ पैदा हुआ था. शुरू में घाव को कम करने के लिए उसका इलाज स्क्लेरोसेंट एजेंट से किया गया, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ.

डॉक्टरों की टीम ने पूरे ट्यूमर को हटाने के लिए हार्मोनिक स्केलपेल की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया. डॉक्टरों ने बताया कि बुधवार को हुई सर्जरी के बाद बच्चा ठीक है.

इस तकनीक की मदद से की गई सर्जरी:

हार्मोनिक स्केलपेल एक सर्जिकल उपकरण है, जिसमें 7 मिमी वेसल सीलिंग इंडिकेशन है. इसमें एडवांस अडेप्टिव टिशू टेक्नोलॉजी है, जो मजबूत बड़े वेसल सीलिंग के लिए सटीकता, बहु क्रियाशीलता और एडवांस हेमोस्टेसिस प्रदान करती है.

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इसमें उन्नत अनुकूली टिशू प्रौद्योगिकी है जो मजबूत बड़े पोत सीलिंग के लिए सटीक बहु क्रियाशीलता और उन्नत हेमोस्टेसिस प्रदान करती है. यह कम टिशू डैमेज सुनिश्चित करता है और 7 मिमी व्यास के साथ वाहिकाओं को सील करता है. यह उपकरण ब्लेड के बीच संचारित हाई फ्रीक्वेंसी (55,000 हर्ट्ज) अल्ट्रासोनिक एनर्जी का उपयोग कर टिशू को अलग-अलग करता है.

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इस उपकरण के प्रयोग से ब्लडिंग कम होती है, जबकि पुराने तरीकों से ब्लड काफी बह जाता है:

संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख राजीव अग्रवाल ने कहा, "नए उपकरण जन्मजात वैस्कुलर ट्यूमर में गेम चेंजर साबित हो सकते हैं. जब साधारण तरीके से ट्यूमर को हटाया जाता है तो उसमें बड़ी संख्या में टिशू के कारण बहुत ज्यादा ब्लीडिंग देखी जाती है, लेकिन हार्मोनिक स्केलपेल की मदद से ट्यूमर को हटाना बिल्कुल सटीक होता है, इस टूल के उपयोग के ब्लीडिंग भी कम होती है."

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उन्होंने कहा, "इस तरह की सर्जरी संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में पहली बार की गई है और अब हमारे पास वैस्कुलर मालफॉर्मेशन  के इलाज की एडवांस सुविधा है."

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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