Respiratory Disease And Pollution: लगातार तेजी से बढ़ रहा एयर पॉल्यूशन हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो रहा है. बच्चे हो या फिर बुजुर्ग सभी वायु प्रदूषण की वजह से कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इन बीमारियों में सबसे ज्यादा कॉमन बीमारी है अस्थमा. इस बीमारी में लोगों को सांस लेने में तकलीफ महसूस होने लगती है. ऐसे में दीपावली बस अब कुछ ही दिन दूर है. दीपावली की तैयारियां देशभर में जोरों शोरों से चल रही हैं. अगर आप भी दीपावली पर बम की लड़ियां और धुआं छोड़ने वाले पटाखों को देख कर खुश होते हैं तो अलर्ट हो जाइए. ये पटाखे फोड़ने में जितने रोमांचकारी लगते हैं उतने ही नुकसानदायक होते हैं. इन पटाखों से हवा में ऐसा जहर पैदा होता है जिससे बचना मुश्किल ही नहीं कई बार नामुमकिन हो जाता है. खास तौर पर अस्थमा व सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए पटाखों के धुंए मुसीबत बढ़ जाती है.
अगर आपको या आपके आस-पास किसी को सांस संबंधी बीमारी है तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं दीपावली पर होने वाले एयर पॉल्यूशन से खुद को बचाने के लिए आप किस तरह एहतियात बरत सकते हैं. आप इन तरीकों को अपना कर वायु प्रदूषण से खुद को बचा सकते हैं.
पॉल्यूशन से बचाव करने के तरीके | Ways To Prevent Pollution
1. बाहर जाने से बचें
अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो दीपावली के मौके पर प्रदूषण के बीच बाहर जाने से बचें. दीपावली के दिन पूजा करने के बाद लोग घर के बाहर निकल कर पटाखे फोड़ते हैं. ये पटाखे हवा में प्रदूषण घोलने का काम करते हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि दीपावली के दिन एहतियात बरतते हुए आप घर पर रहें और सुरक्षित रहें.
2. चेहरे पर लगाएं मास्क
वैसे तो सांस की बीमारी या फिर अस्थमा के मरीजों को दीवाली के मौके पर घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए, लेकिन अगर किसी जरूरी काम के लिए घर से बाहर जा ही रहे हैं तो आसपास की धूल मिट्टी या फिर एयर पॉल्यूशन से खुद को बचाने के लिए चेहरे पर मास्क जरूर लगाएं. वैसे भी कोरोना के खतरे से बचने के लिए मास्क लगाना जरूरी है. अगर उस वक़्त आपके पास मास्क नहीं है तो चेहरे को किसी कपड़े से अच्छी तरह ढक कर ही घर से बाहर जाएं.
3. इनहेलर हर वक्त रखें साथ
अस्थमा का अटैक कभी भी आ सकता है. अस्थमा के मरीजों के लिए जो सबसे जरूरी चीज है वो है इनहेलर. ऐसे मरीजों को हर वक्त अपने साथ इनहेलर कैरी करके चलना चाहिए. जैसे ही जरूरत पड़े शुरुआत में ही इनहेलर का इस्तेमाल करें. इसके इस्तेमाल से जल्द आराम मिलता है. अगर आप घर से बाहर हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर रहें, बंद कमरे में ज्यादा देर वक्त बिताने से बचें.
4. ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करें
योग और प्राणायाम अपनी सास पर कंट्रोल पाने का एक बेहतरीन तरीका है. यही वजह है कि अस्थमा के मरीज़ों को ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करने की सलाह दी जाती है. प्राणायाम और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज आपको काफी हद तक एयर पॉल्यूशन से होने वाले नुकसान से बचा सकती है. इसलिए कोशिश करें कि इसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बना लें.
5. ब्रीदिंग प्रॉब्लम होने पर जल्द डॉक्टर से संपर्क करें
दीपावली के मौके देश के कोने-कोने में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. ऐसे में तमाम बचाव के बावजूद अगर सांस लेने में ज्यादा दिक्कत महसूस हो रही हो या फिर आपकी परेशानी बढ़ जाए तो खुद डॉक्टर ना बनें, तुरंत पास के डॉक्टर से संपर्क करें. ऐसा करने से समय रहते परेशानी को दूर किया जा सकता है.