Vitamin D Ki Kami Ke Nuksan: हेल्थ और तंदुरुस्ती के क्षेत्र में विटामिन डी को अक्सर स्ट्रॉन्ग इम्यून सिस्टम, बोन हेल्थ के लिए जाना जाता है. लेकिन, क्या आप पुरुषों और महिलाओं के शरीर पर इसके अलग-अलग प्रभावों के बारे में जानते हैं? अगर नहीं, तो पोषण विशेषज्ञ नमामी अग्रवाल ये साफ किया है. अपने हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट में, नमामी ने विटामिन डी के महत्व पर जोर दिया और बताया कि यह आपके हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखने में किस तरह से मदद करता है. वह कहती हैं, "विटामिन डी ब्रेन में रिसेप्टर्स के साथ इंटरैक्ट करता है जो अंडाशय और वृषण से हार्मोन रिलीज को कंट्रोल करते हैं और सीधे हार्मोन चक्र को प्रभावित करते हैं. विटामिन डी की कमी से पीसीओडी, अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं और पुरुषों में यह कम कामेच्छा, कम एनर्जी लेवल और मसल्स के नुकसान का कारण बन सकता है."
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इसके अलावा, विटामिन डी इंसुलिन स्राव, थायरॉयड फंक्शन और यहां तक कि कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस रेगुलेटिंग हार्मोन को भी प्रभावित करता है. इसकी कमी से हार्मोनल संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे थकान, मूड स्विंग और यहां तक कि वेट मैनेजमेंट संबंधी संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. विटामिन डी की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आप पर्याप्त धूप में रहें और फोर्टिफाइड डेयरी और मशरूम जैसे विटामिन डी से भरपूर फूड्स खाएं. अगर जरूरी हो तो सप्लीमेंट डाइट भी ले सकते हैं.
पिछली पोस्ट में, पोषण विशेषज्ञ नमामी अग्रवाल ने क्रेविंग और भूख के बीच अंतर का पता लगाने के लिए एक सरल तरकीब शेयर की थी. "10 मिनट रुकें. खुद से पूछें: क्या आप अभी सादा दाल, चावल या रोटी खाएंगे? अगर जवाब हां है, तो यह सच्ची भूख है - आपके शरीर को न्यूट्रिशन की जरूरत है. अगर जवाब नहीं है, तो यह भावनाओं, ऊब या स्ट्रेस से होने वाली क्रेविंग हो सकती है."
नमामि अग्रवाल का इंस्टाग्राम अकाउंट हेल्थ से जुड़ी सभी चीजों के लिए वन-स्टॉप शॉप है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)