Digestion-related problems in monsoon: बारिश का मौसम आते ही कई लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं होने लगती है. लोग अक्सर पेट दर्द, जी मिचलाना, दस्त और उल्टी की शिकायत करते रहते हैं. दरअसल, बरसात में शरीर के अंदर गुड बैक्टीरिया और बैड बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है. खराब गट हेल्थ के चलते बरसात में लोग अक्सर अपच, कब्ज और दस्त जैसी पेट संबंधी समस्याओं की शिकायत करते हैं. दूषित खाना और पानी भी कई बार इन समस्याओं का कारण बनती है.
मानसून में क्यों होती है पेट संबंधी समस्याएं? (Why do digestive problems occur during monsoon?)
1. दूषित खाना और पानी (Contaminated food and water)
बरसात के मौसम में खाना और पानी बहुत जल्दी दूषित हो जाता है. दूषित खाना खाने या पानी पीने से आपको फूड प्वाइजनिंग भी हो सकती है. इस मौसम में बाहर का खाना खाने से बचें. बाहर के दूषित खाने से आपका पेट खराब हो सकता है इसलिए घर का बना हेल्दी खाना ही खाएं.
2. उमस की वजह से होता है कब्ज (Constipation due to humidity)
मानसून के दौरान लगातार बारिश और धूप की वजह से वातावरण में उमस बहुत बढ़ जाता है. ज्यादा उमस की वजह से हमारा पाचन तंत्र सुस्त हो जाता है और सही से काम नहीं कर पाता है. पैंक्रियाज और छोटी आंत जब सही ढंग से काम नहीं करती है तो गैस, एसिडिटी और सूजन जैसी समस्याएं होने लगती है. ऐसे में डॉक्टर को दिखाना बेहद जरूरी है. इसके अलावा कम पानी पीने से हमारा शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है जिससे कब्ज की समस्या होती है.
3. कच्चे खाने से पेट में इंफेक्शन (Stomach infection due to raw food)
बारिश के मौसम में कच्चा या अधपका खाना खाने से भी पेट संबंधी दिक्कतें हो सकती है. पेट में इंफेक्शन होने पर व्यक्ति को उल्टी और दस्त होने लगता है और कई बार अस्पताल में भर्ती होने की नौबत भी आ जाती है. खुद को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो अधपके और कच्चे खाने से दूर रहें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)