दिल्ली के डॉक्टरों ने लड़की की बायीं जांघ से निकाला दो किलो का ट्यूमर, चलना तक हो गया था मुश्किल

सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों ने आठ घंटे की सर्जरी के बाद 16 वर्षीय एक लड़की की बायीं जांघ से एक बड़ा ट्यूमर निकालकर उसके पैर को कटने से बचाया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
अगर समय से इलाज नहीं किया जाता तो यह जानलेवा साबित हो सकता था.

दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले के नजफगढ़ की रहने वाली 12वीं कक्षा की छात्रा माया को लंबे समय से अपनी बाईं जांघ के पिछले हिस्से में सूजन हो रही थी. उसे सर गंगा राम अस्पताल में दिखाया गया. ट्यूमर शुरू में छोटा था, लेकिन जल्द ही इसका आकार बढ़ गया. इससे उसे चलने और दौड़ने में समस्या होने लगी. धीरे-धीरे यह दर्दनाक भी हो गया और निचले अंग सुन्न पड़ने लगे.

डॉक्टरों ने इमेजिंग और कोर नीडल बायोप्सी के जरिए एक नरम टिशू ट्यूमर का पता लगाया जो बाएं साइटिक नर्व (तंत्रिका) को पूरी तरह से घेरे हुए था. अगर समय से इलाज नहीं किया जाता तो यह जानलेवा साबित हो सकता था. साइटिक नर्व पीठ के निचले हिस्से से निकलती है और दोनों तरफ ग्लूटस मैक्सिमस मांसपेशी से होकर गुजरती है और फिर जांघ और पैर के पीछे से गुजरते हुए निचले अंगों की मांसपेशियों को पोषण प्रदान करती है.

यह भी पढ़ें: रोज खाएंगे ये 3 सस्ते ड्राई फ्रूट्स, तो 40 की उम्र में भी दिखेंगे जवां, मिलेगी चमकदार त्वचा, कुछ ही दिनों में खुद देखें असर

सर्जरी के दौरान बड़ी नर्व्स को बचाया गया: 

अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष चिंतामणि ने कहा, "यह स्पेशल नर्व्स लोअर लिम्ब्स की कार्यक्षमता के लिए जरूरी है. यह देखते हुए कि साइटिक नर्व्स उस ट्यूमर से होकर गुजर रही थी जो इसे पूरी तरह से घेरे हुए थे, सर्जरी के दौरान इस बड़ी नर्व्स को बचाने की संभावना कम थी."

उन्होंने कहा कि मरीज को यह दोबारा न हो उसके लिए ट्यूमर को पूरी तरह से हटाना जरूरी था. इसलिए अंग को बचाना डॉक्टरों के लिए एक चुनौती बन गई थी. डॉ. चिंतामणि और उनकी टीम ने 17 x 15 सेमी आकार के लगभग 2 किलोग्राम वजन वाले पूरे ट्यूमर को निकालने में सफलता प्राप्त की. साथ ही साइटिक नर्व को भी बचा लिया.

यह भी पढ़ें: खाने की लत और मोटापे के लिए आंत के बैक्टीरिया जिम्मेदार, चूहों पर किए गए नए शोध से चला पता

Advertisement

ट्यूमर को पूरी तरह हटा दिया:

डॉक्टर ने कहा, "ट्यूमर जांघ के पिछले हिस्से की मांसपेशियों के एक बड़े हिस्से को भी प्रभावित कर रहा था, इसलिए हमें उसे भी हटाना पड़ा ताकि पूरे शरीर से ट्यूमर को हटाया जा सके."

हालांकि ऑपरेशन के बाद मरीज को निचले अंग की मांसपेशियों में कुछ अस्थायी कमजोरी का सामना करना पड़ा, लेकिन फिजियोथेरेपी और समय के साथ इसमें सुधार देखने को मिला.

Advertisement

चिंतामणि ने कहा, "माया अब ठीक है और बिना किसी बड़ी न्यूरोलॉजिकल समस्या के चेकअप और फिजियोथेरेपी के लिए अस्पताल आती है."

10 Yoga Poses You Should Do Every Day: योगाभ्यास कैसे शुरू करें? 10 आसान योगासन

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War: यूक्रेन पर मिसाइल दागकर Vladimir Putin ने मददगारों को धमकाया | NDTV India
Topics mentioned in this article