दिल्ली एम्स की बड़ी पहल, 51 बर्न मरीजों को मिलेगा नई जिंदगी का तोहफा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का प्लास्टिक सर्जरी विभाग अब अमेरिका के रोटाप्लास्ट इंटरनेशनल और रोटरी क्लब रिस्टोरिंग स्माइल्स के सहयोग से 19 से 29 अगस्त 2025 तक बर्न मरीजों के लिए बड़ी पहल करने जा रहा है. इस साझेदारी के तहत बर्न के निशान, त्वचा की सिकुड़न और अन्य जटिलताओं से पीड़ित मरीजों की मुफ्त सर्जरी की जाएगी. 

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का प्लास्टिक सर्जरी विभाग अब अमेरिका के रोटाप्लास्ट इंटरनेशनल और रोटरी क्लब रिस्टोरिंग स्माइल्स के सहयोग से 19 से 29 अगस्त 2025 तक बर्न मरीजों के लिए बड़ी पहल करने जा रहा है. इस साझेदारी के तहत बर्न के निशान, त्वचा की सिकुड़न और अन्य जटिलताओं से पीड़ित मरीजों की मुफ्त सर्जरी की जाएगी. 

डॉ. निरुपम मदान, चिकित्सा अधीक्षक, एम्स , नई दिल्ली ने अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा, "ऑलएमएस हमेशा से ही रोगी देखभाल को चिकित्सा शिक्षा के साथ जोड़ने में अग्रणी रहा है. रोटरी और रोटाप्लास्ट के साथ यह सहयोग इस बात का उदाहरण है कि मानवीय सेवा अकादमिक उत्कृष्टता के साथ कैसे चल सकती है. रोगियों को ठीक करने के अलावा, यह मिशन हमारे युवा डॉक्टरों के कौशल को मजबूत करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में अनगिनत लोगों तक गुणवत्तापूर्ण देखभाल पहुंचे.

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एम्स बर्नस एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनीष सिंघल ने बुधवार को बताया कि रोटाप्लास्ट इंटरनेशनल की ओर से अमेरिका से 10 विशेषज्ञ डॉक्टर और फिलीपींस से एक विशेषज्ञ की टीम एम्स पहुंची है. यह टीम आगामी 10 दिनों तक एम्स के डॉक्टरों, नर्सों और ओटी स्टाफ को प्रशिक्षण भी देगी. डॉ. सिंघल ने आगे बताया कि देशभर से आए 126 बर्न मरीजों का पंजीकरण किया गया था, जिनमें से 51 मरीज सर्जरी के योग्य पाए गए हैं. आने वाले 10 दिनों में इन सभी मरीजों की सर्जरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से मरीजों को नई जिंदगी मिलने के साथ-साथ मेडिकल स्टाफ के लिए भी यह एक लर्निंग मॉडल साबित होगा. कैंप का उद्देश्य है कि गांव और दूरदराज के इलाकों में भी ऐसे मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज उपलब्ध कराया जा सके.

डॉ. मनीष सिंघल ने यह भी कहा, 'जलने के बाद होने वाली सिकुड़न और विकृतियां गहरे शारीरिक और भावनात्मक घाव छोड़ जाती हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से, हम न केवल विकृतियों को ठीक कर रहे हैं, बल्कि आत्मविश्वास और सम्मान भी बहाल कर रहे हैं. हमारे रेजिडेंट और नर्सिंग छात्रों को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध सर्जनों से सीधे सीखने का अवसर भारत में चिकित्सा प्रशिक्षण पर एक स्थायी प्रभाव डालेगा.'

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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