हेपेटाइटिस के इलाज में देरी होने से बढ़ जाता है लिवर की इस खतरनाक बीमारी का रिस्क, जान बचाना होता है मुश्किल

World Hepatitis Day: हेपेटाइटिस का अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह बड़ी घातक बीमारी का रूप ले सकती है. जानिए क्या है वह बीमारी और कैसे करें बचाव.

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World Hepatitis Day: हेपेटाइटिस एक वायरल संक्रमण है जो लिवर को प्रभावित करता है.

World Hepatitis Day 2025: आजकल लोगों में हेपेटाइटिस (Hepatitis) की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है. अगर इसका समय पर इलाज न हो तो यह लिवर को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि हेपेटाइटिस का इलाज अगर टाल दिया जाए या लापरवाही बरती जाए, तो यह धीरे-धीरे लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) और यहां तक कि लिवर कैंसर (Liver Cancer) में भी बदल सकता है. आज वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के मौके पर जानिए क्या है लिवर की ये बीमारी और इलाज में देरी होने पर क्या हो सकता है.

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हेपेटाइटिस क्या है?

हेपेटाइटिस एक वायरल संक्रमण है जो लिवर को प्रभावित करता है. इसके कई प्रकार होते हैं, हेपेटाइटिस A, B, C, D और E. इनमें से हेपेटाइटिस B और C सबसे खतरनाक माने जाते हैं क्योंकि ये लिवर में लंबे समय तक संक्रमण पैदा करते हैं और धीरे-धीरे उसकी कार्यक्षमता को कम करते हैं.

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इलाज में देरी क्यों खतरनाक है?

शुरुआती समय में हेपेटाइटिस के लक्षण बहुत हल्के या बिल्कुल नहीं होते, इसलिए कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. जब तक मरीज को थकान, भूख न लगना, उल्टी, आंखों और त्वचा में पीलापन जैसे लक्षण नजर आते हैं, तब तक लिवर को पहले ही काफी नुकसान हो चुका होता है.

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अगर यह संक्रमण लंबे समय तक बिना इलाज के चलता रहा, तो लिवर लिवर सेल्स डैमेज होने लगती हैं. धीरे-धीरे लिवर में फाइब्रोसिस (Scarring) शुरू हो जाता है, जिसे लिवर सिरोसिस कहा जाता है. सिरोसिस की स्थिति में लिवर सख्त और सिकुड़ जाता है, जिससे उसका काम करना बहुत मुश्किल हो जाता है.

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लिवर सिरोसिस से लिवर कैंसर का खतरा

जब लिवर सिरोसिस काफी बढ़ जाता है, तब यह लिवर कैंसर का रूप भी ले सकता है. खासकर हेपेटाइटिस B और C वाले मरीजों में कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. यह एक जानलेवा स्थिति होती है और इसका इलाज भी काफी मुश्किल और महंगा होता है.

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कैसे बचें इस खतरनाक स्थिति से?

समय पर जांच करवाएं: अगर थकान, पीलिया, पेट में सूजन, या उल्टी जैसी समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और लिवर फंक्शन टेस्ट करवाएं.

टीकाकरण कराएं: हेपेटाइटिस A और B से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है, इसे समय पर जरूर लगवाएं.

सेफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन और सावधानी: बिना जांचे खून का चढ़ाना, दूषित सुइयों का उपयोग और असुरक्षित यौन संबंध हेपेटाइटिस के कारण हो सकते हैं. इनसे बचाव जरूरी है.

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं: शराब और ज्यादा फैटी चीजों का सेवन लिवर को और नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए इनसे दूर रहें.

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हेपेटाइटिस कोई साधारण बीमारी नहीं है. इसका समय पर इलाज न सिर्फ लिवर को बचा सकता है, बल्कि लिवर सिरोसिस और कैंसर जैसे जानलेवा रोगों से भी बचा सकता है. इसलिए अगर लक्षण नजर आएं या जोखिम हो, तो तुरंत जांच और इलाज करवाएं. लिवर की सेहत को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यही शरीर का सबसे जरूरी अंग है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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